सुरेश परतागिरी, बीजापुर. लाख सरकारी दावों के बीच बीजापुर के ग्राम पंचायत तोयनार से एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसने सरकार के सिस्टम की पोल खोल दी है. सरकार और सरकार के सिस्टम में बैठे लोग भले ही कहते हैं कि हमारी हर योजना का लाभ गांव के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही है, लेकिन यह तस्वीर बताने के लिए काफी है. गरीबी निराशा, दुख, दर्द लाती है. बच्चे शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाते. परिवार आर्थिक तंगी से जीवन जीने को मजबूर हो जाता है.
एक तरफ सरकार की ओर से गरीब, असहाय लोगों के उत्थान के लिए अनेकों कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है पर जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण कई असहाय परिवार गरीबी का दंश झेलने को मजबूर हैं. अमीरों को तो सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल जाता है, किंतु गरीब अपने हक के लिए जिम्मेदारों की अनदेखी से लाचार रहता है. मजबूरन गरीब व पात्र व्यक्ति तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ पाने से वंचित हो जाता है. इसी प्रकार का एक मामला बीजापुर विकासखंड के तोयनार के मुर्रा पारा से आया है, जहां के 49 साल के सुक्कू तांती जन्म से ही विकलांग है. वहीं उनकी पत्नी 34 साल की सरिता ताती भी बचपन से ही गूंगी बहरी है.
दोनों पति पत्नी अपने दो बच्चों के साथ एक छोटी सी झोपड़ी में रहते हैं. दोनों विकलांग होने के कारण कोई भी कार्य नहीं कर पाते हैं. स्थिति ऐसी है कि कभी कभी एक समय परिवार को भूखा भी सोना पड़ता जाता है., इन्हें अब तक सरकार से न कोई राहत राशि मिली न ही किसी योजना का लाभ मिला है. मामले की हकीकत जानने लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ग्राम पंचायत तोयनार के मुर्रा पारा पहुंची और पीड़ित एंव स्थानीय ग्रामीणों से की चर्चा.
रोड में काम करने का अब तक नहीं मिला पैसा : सुक्खू
सुक्खू ताती ने बताया कि मेरे पास सिर्फ राशनकार्ड है, जिसमें मेरे को चावल ही मिलता है, लेकिन सब्जी व अन्य सामग्री के लिए घर में मुर्गी पालना करते हैं. मैं और मेरी पत्नी दो महीना पहले मेरे घर के सामने जो रोड बना है, उसमें सात से आठ दिन काम भी किया, लेकिन पैसा अभी तक नहीं मिला. जीवन-यापन करने में बहुत परेशानियां आती है. वहीं ग्रामीणों ने भी कहा कि सिर्फ इन्हें सोसायटी से राशन मिलता है और शासन की योजनाओं का लाभ अभी तक नहीं मिला. हम लोगों ने भी कई बार कहा, लेकिन इन्होंने डर से लाभ लेने से इंकार कर दिया. डर इस बात का है कि कहीं सरकार का लाभ लेने के बाद वापस सरकार को पैसा न पटाना पड़े. इस बात का डर सुक्खू ताती को बना हुआ है.
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