अयोध्या. 12 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म का मामला बड़ा होता जा रहा है. मामले को लेकर खूब राजनीति भी हो रही है. यहां तक की अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद ने मामले के मुख्य आरोपी मोईद खान को फांसी देने की मांग की है. हालांकि इसके पीछे राजनीतिक कारण है वास्तव में सांसद ने सजा की मांग की है, ये अलग विषय है. क्योंकि सपा मुखिया अखिलेश यादव ही आरोपी पर कार्रवाई करने की बजाए उसके डीएनए टेस्ट की मांग कर रहे हैं.
वैसे समाजवादी पार्टी के नेता मोईद खान का आपराधिक गतिविधियों से लंबा नाता रहा है. लेकिन क्षेत्र में मोईद के राजनीतिक प्रभाव ने कानूनी कार्रवाई को रोक दिया था. लेकिन दुष्कर्म मामले में योगी सरकार ने उस पर बड़ी कार्रवाई की है. मोईद की बेकरी को ध्वस्त कर दिया गया है. साथ ही बच्ची से दुष्कर्म के आरोप में मोईद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. मोईद खान की गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों ने कथित तौर पर उसके द्वारा जब्त की गई विभिन्न अवैध संपत्तियों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया है. सबसे पहले मोईद की बेकरी को गिरा दिया गया है और उसके अवैध कब्जे की जमीन को भी मुक्त कराया गया है. बता दें कि 12 साल में मोईद के खिलाफ की गई यह पहली बड़ी कार्रवाई है.
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कौन है मोईद खान
मोईद खान का प्रभाव दो दशकों में समाजवादी पार्टी में शक्तिशाली हस्तियों के साथ उनके संबंधों से विकसित हुआ था. मोईद खान विशेष रूप से भदरसा नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद राशिद का करीबी है. जिनके पिता मोहम्मद अहमद भी इलाके में अपना महत्वपूर्ण प्रभाव रखते थे. मोईद खान से जुड़ी सबसे बड़ी घटनाओं में से एक 24 अक्टूबर, 2012 की है. जिसमें भदरसा में दुर्गा पूजा जुलूस के दौरान सांप्रदायिक दंगा भड़क गया था. हिंदू जुलूस पर हमला हुआ और भोला गुप्ता नाम के एक व्यक्ति की हत्या हो गई.
साल 2012 में मोहम्मद अहमद के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों का फायदा उठाते हुए मोईद खान समाजवादी पार्टी का नगर अध्यक्ष बन गया. मोहम्मद अहमद के संरक्षण में मोईद ने सरकारी और गरीब लोगों की जमीनों पर कब्जा करना शुरू कर दिया. मोईद के चार बेटे और दो बेटियां हैं. ़
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मोईद के घर से चलती थी पुलिस चौकी
मोहम्मद अहमद के साथ मिलकर मोईद खान पर दंगा भड़काने और हत्या का आरोप लगाया गया था. हालांकि मोईद खान को एक एफआईआर दर्ज के बाद जेल में डाल दिया गया था. मोईद खान का प्रभाव इतना गहरा था कि भदरसा पुलिस चौकी उनके आवास में 2012 से संचालित हो रही थी. हालांकि मामला सामने आने के बाद रातों-रात पुलिस चौकी भदरसा से भरतकुंड शिफ्ट हो गई.
भूमि कब्जा करने का आरोप
मोईद खान की गिरफ्तारी के बाद, कई दलित परिवार उस पर जमीन जब्त करने का आरोप लगाते हुए आगे आए हैं. फिलहाल जिला प्रशासन वर्तमान में मोईद खान की संपत्तियों की जांच कर रहा है. इस संदेह के साथ कि मोईद खान ने अपने रिश्तेदारों की विदेशी कमाई को विभिन्न संपत्तियों में निवेश किया है. मोईद खान और उनके सहयोगियों के नाम पर संपत्तियां अब जांच के दायरे में हैं.
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