Viral Video. वृंदावन के कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने महिलाओं को लेकर शर्मनाक बयान दिया है. वीडियो वायरल होने के बाद अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ लोगों में भारी आक्रोश है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास की जिला अध्यक्ष गुंजन शर्मा ने इस बयान की कड़ी निंदा की है और अनिरुद्धाचार्य को तत्काल माफी मांगने की बात कही है.
गुंजन शर्मा ने कहा कि जिस व्यास पीठ पर बैठकर समाज को सही दिशा देने की जिम्मेदारी इन धर्माचार्यों पर है, वही आज मर्यादाओं की धज्जियां उड़ा रहे हैं, यह चिंता का विषय है. गुंजन शर्मा ने लोगों से भी इसे अमर्यादित भाषा और व्यवहार करने वाले धर्माचार्यों का बहिष्कार करने की अपील की है. वायरल वीडियो में अनिरुद्धाचार्य कहते नजर आ रहे हैं, ‘आप लोग गाय को माता तो भैंस को बुआ कह सकते हो आप. उसने कहा कि गाय दूध भी देती है, दूध भैंस भी देती है. हमने उससे कह – ‘बेटा! ये बताओ, दूध तो तुम्हारी बहन भी देती है फिर मां का क्यों पिया.‘
वीडियो वायरल होने के बाद मचा बवाल
संत कॉलोनी स्थित गौरी गोपाल आश्रम के संचालक कथावाचक अनिरुद्वाचार्य का वीडियो वायरल होने के बाद बवाल मच गया है. वीडियो में गोवंश और महिलाओं को लेकर अनर्गल टिप्पणी की गई है. एक और वीडियो में महाराज ने एक महिला श्रद्धालु के पूछे गए सवाल के जवाब में कहा जा रहा है कि तुम्हारे कितने पति हैं. वीडियो वायरल होने के बाद अनिरुद्धाचार्य ने अपनी सफाई दी है. उन्होंने कहा कि वास्तव में सवाल जवाब का यह वीडियो वायरल किया गया है, उससे उनका कोई मतलब नहीं. इतना जरूर है कि महिला सशक्तिकरण का सदा सम्मान करते आए हैं और करते रहेंगे. उनके यहां माताओं की सेवा का प्रकल्प जो चल रहा है वह इसका उदाहरण है. अगर किसी को ठेस पहुंची है तो उन्हें माफ करें.
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वायरल वीडियो पर अनिरुद्वाचार्य ने दी प्रतिक्रिया
अनिरुद्वाचार्य ने कहा कि ‘कुछ दिन एक विधर्मी ने मुझसे एक सवाल किया कि गाय को आप माता कहते हैं तो क्या भैंस को बुआ कहेंगे. बकरी को चाची कहेंगे. इस तरह से विधर्मी से बहुत ही टेड़ा सवाल मुझसे किया. मैंने उसे समझाया कि दूध तो हमारी परिवार में चाची-दादी, नानी….सबने अपने-अपने बच्चों को दूध पिलाया है. पर जब चुनौती दी जाएगी तो क्या बोला जाएगा? तुमने अपनी मां का दूध पिया है तो आओ. तो हम अपनी मां का नाम लेकर जवाब देते हैं. तो मां को मां कहा जाएगा, सबको मां नहीं कहा जाएगा. उसी तरह गाय को ही मां कहा जाएगा, बकरी को नहीं. गाय के इस पक्ष को पुष्ट करते हुए, समझाने में शब्दों की त्रुटि हुई. लोगों ने कहा कि गलती हुई. मैंने स्वीकारा. गाय को माता क्यों कहते हैं क्योंकि वह सबका पालन बच्चे की तरह करती है. उस संदर्भ में मैंने यह बात कही.’
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अनिरुद्वाचार्य ने मांगी माफी
उन्होंने आगे कहा, ‘माना कि समझाने में शब्दों की त्रुटि हुई होगी, चूंकि यह बात बहुत पुरानी है, अब लोगों के सामने आई है. यदि मेरे कहने से, शब्दों की त्रुटि होने से, किसी को दुख पहुंचा, मैंने तो गाय का पक्ष रखा. किसी भी प्रकार से, यही साबित किया कि गाय हमारी माता है. यदि गाय का पक्ष रखने में कोई त्रुटि हुई हो तो आप कृपालु हैं, तो मुझे क्षमा करें. मैं तो आप सबके पांव की धूल हूं, आप मुझे अवश्य क्षमा करेंगे.’
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