सत्या राजपूत, रायपुर। लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का बड़ा असर हुआ है। छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में अनुभव के आधार पर पंजीयन का मामला प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस पर काउंसिल के अध्यक्ष और रजिस्ट्रार ने जांच कराएं जाने की बात कही है। उन्होंने नियमानुसार कार्रवाई और जांच के बाद पंजीयन निरस्त की बात कही है।

छत्तीसगढ़ स्टेट फ़ार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष अरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि आपके माध्यम से जानकारी मिल रही है। नियमानुसार जो कार्रवाई बनती है वो कार्रवाई करेंगे।

काउंसिल के रजिस्ट्रार अश्वनी गुरदेकर ने कहा अनुभव के आधार पर लगभग पांच हजार लोगों का पंजीयन हुआ था। पंजीयन हुआ है तो अनुभव प्रमाण पत्र होना चाहिए। 2005 के करीब लगभग पांच हजार लोगों का आजीवन पंजीयन किया गया था। ये नियम में तो नहीं है लेकिन परिस्थिति के आधार पर किया गया होगा।

रजिस्ट्रार अश्वनी गुरदेकर ने कहा कि फार्मेसी एक्ट में प्रतिवर्ष नवीनीकरण का प्रावधान उल्लेखित है पर उस समय जो भी परिस्थितियां रही होगी की संभवत उसी आधार पर किया गया होगा। इसकी जांच होनी चाहिए। आने वाले समय में काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे को रखेंगे। काउंसिल में जो निर्णय लिया जाएगा उसके अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि वेरीफिकेशन कराएंगे, जिनकी मृत्यु हो गई है उनका पंजीयन निरस्त किया जाएगा।

बता दें कि अनुभव के आधार पर 5 हजार से ज्यादा फर्जी पंजीयन के आरोप लगाए गए थे। छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी कौंसिल के कार्यालय में अनुभव प्रमाण पत्र ही उपलब्ध नहीं है। ऐसे पंजीयनों को छिपाने के लिए नियमों को ताक पर रख कर लाइफ टाइम पंजीयन किया गया, जिससे नवीनीकरण के समय गड़बड़ी पकड़ी न जा सके। फार्मेसी एक्ट में लाइफ टाइम पंजीयन का कोई प्रावधान ही नहीं है।

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