नई दिल्ली. दिल्ली के डेरावल नगर इलाके में मां-बाप और बेटे के रिश्ते को तार-तार करने वाला मामला सामने आया है. बेटे ने पत्नी और अन्य के साथ मिलकर बुजुर्ग मां-बाप के फर्जी हस्ताक्षर कर उनके बैंक खाते से 4 करोड़ रुपये निकाल लिए.

मामले में पीड़ित 75 वर्षीय मां कैंसर के चौथे चरण की मरीज हैं और 76 वर्षीय पिता को मधुमेह, हृदय रोग और अन्य गंभीर बीमारियां हैं. मामले में बैंक अधिकारियों पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है. दंपती की संयुक्त शिकायत पर दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गत बुधवार को आरोपी बेटे, बहू, नाती, बैंक अधिकारी और 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.

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पुलिस के मुताबिक, पीड़ित ओमप्रकाश सेठी और उनकी पत्नी संगीता सेठी डेरावल नगर स्थित बी-236 में परिवार के साथ रहते हैं. परिवार में बेटा मनीष सेठी, बहू ममता सेठी, नाती अभिनव सेठी के अलावा अन्य परिजन रवीश सेठी, मोना सेठी व अन्य हैं. एक बैंक की सब्जी मंडी शाखा में पीड़ित दंपती के 2 अलग बचत खाते हैं. इसमें उन्होंने अच्छे भविष्य के लिए अपने रुपये जमा कर रखे थे, लेकिन गंभीर स्वास्थ्य कारणों से उनका बैंक में आना-जाना नहीं हो पा रहा था. हालत में सुधार होने पर 28 अप्रैल 2022 को पीड़ित बैंक गए थे. उन्होंने बैंक खाते में लेन-देन का ब्योरा निकाला तो खुलासा हुआ.

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दंपती ने बताया कि साल 2021 में उनका बैंक एक अन्य बैंक में मर्जर हो गया था, जिसके बाद नई चेकबुक जारी की गई थी. इसके बाद भी बैंक अधिकारी पुराने चेकबुक के चेकों पर भुगतान करते रहे. उन्होंने हस्ताक्षर की भी बारीकी से जांच नहीं की.

11 साल बाद बैंक खाता देखा तो खाली मिला

पीड़ितों ने अपनी शिकायत में बताया कि लेन-देन का ब्योरा देखने के बाद पता चला कि उनके दोनों के बैंक खातों से साल 2011 से 2022 के बीच करीब 4 करोड़ रुपये निकाल लिए गए थे. बैंक अधिकारियों से जानकारी मांगने पर शाखा प्रबंधक शशांक ने बताया कि ये रकम पीड़ितों की ओर से हस्ताक्षरित कई चेक के माध्यम से निकाली गई है. चेक पर पीड़ितों के हस्ताक्षर के जैसे हस्ताक्षर बनाए हुए थे, जिनसे पता चला कि हस्ताक्षर फर्जी हैं. पूछताछ में पता चला कि सारी रकम पीड़ित के बड़े बेटे मनीष सेठी ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर निकाली है.