लखऊ. बसपा (बहुजन समाज पार्टी) ने हाल ही में आरक्षण से संबंधित एक महत्वपूर्ण फैसले के खिलाफ अपनी सियासी रणनीति को तेज कर दिया है. पार्टी सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर बसपा अब इस मुद्दे को लेकर व्यापक प्रचार अभियान चलाएगी और आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद को अपने पक्ष में मोड़ने का प्रयास करेगी.

बसपा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण कोटा को लेकर दिए गए फैसले को अपने प्रचार का प्रमुख औजार बना लिया है. पार्टी ने “गांव चलो अभियान” की शुरुआत की है, जिसके तहत कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लोगों को आरक्षण के लाभ और अधिकारों के बारे में जागरूक करेंगे.

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बसपा ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि पार्टी कोटे के भीतर आरक्षण कोटा को लेकर आए इस नए फैसले से सहमत नहीं है. पार्टी का कहना है कि इस फैसले के माध्यम से जब चाहे आरक्षण कोटा को समाप्त किया जा सकता है, जिससे समाज के कमजोर वर्गों के अधिकार प्रभावित हो सकते हैं.

बसपा कार्यकर्ता लगाएं गावों में चौपाल

इस अभियान के तहत, बसपा कार्यकर्ता गांवों में चौपाल भी लगाएंगे. चौपालों के माध्यम से लोगों को आरक्षण के महत्व और उनके अधिकारों के बारे में समझाने का प्रयास किया जाएगा. पार्टी का उद्देश्य इस मुद्दे पर जनसामान्य के बीच जागरूकता बढ़ाना और उन्हें सही जानकारी प्रदान करना है.

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