लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा उपचुनावों को लेकर सभी पार्टियां अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने में लगी हुई हैं। भाजपा और सपा के बीच सीधी लड़ाई की प्रबल संभावना है, जिसमें योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा और अखिलेश यादव का उत्साह देखने को मिलेगा।

अयोध्या की मिल्कीपुर सीट को ‘हॉट सीट’ के तौर पर देखा जा रहा है। कांग्रेस और सपा का गठबंधन इस सीट को अपने पास रखना चाहता है। वर्तमान में, मिल्कीपुर सीट खाली है क्योंकि यहां से पूर्व विधायक अवधेश प्रसाद अब सांसद बन गए हैं।

योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल के साथ संगठन के निष्क्रिय कार्यकर्ताओं को पुनः सक्रिय करने के लिए ‘सुपर 30’ की बैठक ले रहे हैं। वे अयोध्या पर विशेष ध्यान दे रहे हैं और चुनावी समीकरण साधने की कोशिश कर रहे हैं।

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भाजपा को लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट हारने का मलाल है, और अखिलेश यादव द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले बयान भाजपा को असहज कर रहे हैं। ऐसे में, सपा और भाजपा दोनों उपचुनाव को मुख्य चुनाव की तरह लड़ने के लिए तैयार हैं।

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मिल्कीपुर सीट को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। एक ओर समाजवादी पार्टी उत्साह से लबरेज होकर गठबंधन के बल पर चुनावी मैदान में है, वहीं भाजपा अयोध्या में राम लला की प्राणप्रतिष्ठा और अवस्थापना कार्यों के आधार पर चुनावी प्रचार कर रही है। दोनों दलों की बयानबाजी भी तेज हो गई है। उल्लेखनीय है कि संसद की कार्रवाई में अखिलेश यादव ने अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद को ‘अयोध्या का राजा’ भी बताया था, जिस पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई थी।

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