आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। बस्तर में घने जंगल में बांस की उपलब्धता अधिक है. मानसून में बांस के जड़ से निकलने वाली नन्हे कोपलों (करील) को स्थानीय आदिवासी मार्केंट में बेच रहे हैं. वन विभाग ने इस पर कार्रवाई करते हुए एक महीने में 4 क्विंटल से अधिक जब्ती की है. इसे भी पढ़ें : महादेव सट्टा एप पर ACB का एक्शन जारी, भिलाई में चार ठिकानों पर छापेमारी, दो को लिया हिरासत में…

बस्तर के स्थानीय लोग बांस के करील को ‘बास्ता’ कहते हैं. मानसूम के दिनों में बस्तर एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक साप्ताहिक बाजार व सामान्य बाजारों में स्थानीय आदिवासी बेचने के लिए बड़ी संख्या में लाते हैं. करील को तोड़ने से बांस के विकास पर होने वाले असर को देखते हुए इसकी कटाई पर रोक लगाई गई है.

ऐसे में बाजार में बेचने के लिए लाए जा रहे करील की जब्ती कार्रवाई की गई है. इसी कड़ी में वन विभाग की उड़नदस्ता टीम ने जगदलपुर शहर के संजय मार्केट से करीब डेढ़ क्विंटल करील (बास्ता) जब्त किया गया. मानसून की शुरुआत से लेकर अब तक करीब 4 क्विंटल से अधिक बास्ता जब्ती कर बेचने वालों पर आवश्यक कार्रवाई की गई है.