लखनऊ.
होनहार वीरान के होते चीकने पात यह कहावत शुभांश शुक्ल पर बहुत ही सटीक चरितार्थ हो रही है. उत्तरप्रदेश की राजधानी के त्रिवेणी नगर निवासी ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को एक प्रधान अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया है. प्रधान अंतरिक्ष यात्री वह होता है, जिसे उड़ान भरने के लिए चुना जाता है, लेकिन एक बैकअप अंतरिक्ष यात्री को हमेशा रखा जाता है. किसी भी दुर्घटना की स्थिति में अंतिम समय में अंतरिक्ष यात्री को बदलने की जरूरत होती है.


बता दें कि शुभांशु शुक्ला को भारत-US के साझा मिशन में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजा जा रहा है. शुभांशु शुक्ला नासा के मिशन के ज़रिए अंतरिक्ष में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएंगे. उन्होंने कड़ी मेहनत से हिंदुस्तान का परचम लहराया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को घोषणा की कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए आगामी भारत-अमेरिका मिशन के लिए चुना गया है.

एक्सिओम स्पेस इंक ने की सिफारिश

इसरो के सूत्रों ने बताया कि ऐसा नासा द्वारा मान्यता प्राप्त सेवा प्रदाता एक्सिओम स्पेस इंक की सिफारिश पर किया गया है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में इसरो ने कहा कि उसके मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र ने आईएसएस के लिए अपने चौथे मिशन के लिए अमेरिका के एक्सिओम स्पेस इंक के साथ अंतरिक्ष उड़ान समझौता किया है और ‘नेशनल मिशन असाइनमेंट बोर्ड’ ने दो गगनयात्रियों (अंतरिक्ष यात्रियों) ग्रुप कैप्टन शुक्ला (प्रधान) और ग्रुप कैप्टन नायर के नाम की सिफारिश की है.

इसरो ने कहा, ‘‘नियुक्त चालक दल के सदस्यों को बहुपक्षीय चालक दल संचालन पैनल (एमसीओपी) द्वारा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर उड़ान भरने की मंजूरी दी जाएगी. ये गगनयात्री अगस्त 2024 के पहले सप्ताह से मिशन के लिए अपना प्रशिक्षण शुरू करेंगे.’’ इसरो ने कहा कि मिशन के दौरान ‘गगनयात्री’ आईएसएस पर चयनित वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन प्रयोग करेंगे और अंतरिक्ष गतिविधियों में शामिल होंगे. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, ‘‘इस मिशन के दौरान प्राप्त अनुभव भारतीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए फायदेमंद होंगे और इससे इसरो और नासा के बीच मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग भी मजबूत होगा.’’

2 हजार घंटे की उड़ान का अनुभव

शुभांश शुक्ल की नर्सरी से बारहवीं तक की शिक्षा लखनऊ के अलीगंज सेक्टर ओ स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल (CMS) में हुई है.
शुभांशु शुक्ला 17 जून 2006 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में नियुक्त हुए थे. शुभांशु फाइटर कॉम्बैट लीडर और एक टेस्ट पायलट हैं, जिनके पास लगभग 2 हजार घंटे की उड़ान का अनुभव है. वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के पूर्व छात्र हैं. उन्होंने एसयू-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर, एएन-32 समेत कई तरह के विमान उड़ाए हैं.