रायपुर। सरपंच ईश्वरी साहू को छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 40(1) के प्रावधानों के तहत तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है. सरपंच पर बिना पंचायत प्रस्ताव के 3 लाख 34 हजार 500 रुपये का आहरण करने का आरोप सिद्ध हुआ है. इसके साथ ही उन्हें छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 40(2) के तहत 6 वर्ष के लिए पंचायत अधिनियम के अधीन निर्वाचन और सहयोजन के लिए निरर्हित घोषित किया गया है. यह मामला जनपद पंचायत बलौदाबाजार अंतर्गत ग्राम पंचायत मोहतरा का है.

जारी आदेशानुसार ग्राम पंचायत मोहतरा के सरपंच सचिव के विरुद्ध 14 वें एवं 15 वें वित्त की राशि का दुरूपयोग करने की शिकायत पर जनपद पंचायत बलौदाबाजार के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा जाँच दल गठित कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमें ग्राम पंचायत मोहतरा की सरपंच श्रीमती ईश्वरी साहु द्वारा ग्राम पंचायत में सार्वजनिक शौचालय निर्माण, अहाता निर्माण, गोठान में वर्मी शेड निर्माण, हैंडपंप मरम्मत, पेयजल, स्वच्छता कार्यक्रम कार्यों का भुगतान स्वयं और अपने पति तथा बिना पंचायत प्रस्ताव के 3 लाख 34 हजार 500 रूपये आहरण किया गया.

सरपंच ग्राम पंचायत मोहतरा द्वारा छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 के अधीन छत्तीसगढ़ पंचायत लेखा नियम 1999 के प्रावधानो का पालन न कर अपने कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरती गई जिसके कारण वह अपने कर्तव्य के निर्वहन में अवचार के दोषी और उनका पद पर बना रहना लोकहित में अवांछनीय है. उक्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर एसडीएम द्वारा सरपंच ग्राम पंचायत मोहतरा ईश्वर साहू को छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 40 (1) के प्रावधानो के तहत तत्काल प्रभाव से पृथक कर दिया है.