रायपुर। राजधानी रायपुर में टैगोर नगर स्थित पटवा भवन में आज तेरापंथ युवक परिषद के द्वारा “बारह व्रत स्वीकरण कार्यशाला” का आयोजन किया गया. जिसका सानिध्य आचार्य महाश्रमण के सुशिष्य मुनिश्री सुधाकर और मुनिश्री नरेश कुमार ने किया.

इस दौरान मुनिश्री सुधाकर ने कहा कि जीवन में इतने सारे मार्ग भटकाने वाले है, संभालने वाला कोई नहीं है, संभालना है. तो अपने संतान को समय रहते संभालना है. आपके विचार की प्रवृत्ति हो सकती है. वो आपको दुश्मन समझने लगे वो आपसे नफरत करने लगे आने वाले दस साल में जो भाव होगा वो बहुत अद्भुत होगा. माता पिता के संस्कारों के माध्यम से हर परिवार अपनी प्रतिवेदना करे. बच्चे कहा जाते है. कहा बैठते है. मित्रों का चित्र आपके बच्चों का चरित्र बनाता है. किसी का चरित्र बनाता कैसा है. संगत को देख को तो ज्ञात हो जाएगा के उसका चरित्र कैसा है.

झरने की तरह पानी बहना लगे तो रोकना मुश्किल है. आज प्रलोभन के जाल जगह-जगह बिछे हुए है. आज हम देखते के देश की अर्थ व्यवस्था कैसी है. थोड़ी सी मेहनत के लिए कितना बड़ा नाम मिले. लेकिन बीच में जिंदगी रुक जाएगी. तो पैसा किस काम आएगा. प्यार के बिना गति है. और गति के बिना प्रगति नहीं है. हमारी नजर उपभोग पर नहीं उपयोग पर रहनी चाहिए.

इंसान क्या अपेक्षा होती है. क्या महत्व होता है. तथ्यों का, लोन की गाड़ी, लोन का मकान खरीदना. इच्छाओं पर कंट्रोल करो, आज इन्सान दुखी क्यों है कौन सा देश अनाड़ी है और कोनसा देश खिलाड़ी है. एक दूसरे को छूत ओर अछूत जैसे दिव्य परिणाम की साधना हम नहीं कर सकते है.

12 पथ की कार्यशाला हो रही है. 12 व्रत प्रवचन का विषय नहीं प्रयोग की भूमि है. आप इसमें जितनी भी छूट रख सकते है. घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है. जो 12 व्रत को धारण करते है.