Waqf Act Amendment Bill: मोदी सरकार (Modi government) ने संसद के मानसून सत्र में विगत गुरुवार (8 अगस्त) को वक्फ बोर्ड (Waqf Board) संशोधन विधेयक लोकसभा (Lok Sabha) में पेश कर दिया। संशोधन बिल पेश करने के पीछे सरकार ने कई वजह बताएं। इसमें बोर्ड में माफियाओं का कब्जा और जबरदस्ती हिंदुओं के जमीनों पर कब्जा की शिकायतें हैं। हिंदुओं के जमीनों पर कब्जा करने का एक ऐसा ही सनसनीखेज मामला वर्ष 2022 में तमिलनाडु से आया था। वक्फ बोर्ड ने 1500 साल पुराने मंदिर के साथ ही पूरे गांव को ही हड़प लिया था। संसद में संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने खुद इसका खुलासा किया है। इस किस्से के साथ ही आइए जानते हैं वक्फ बोर्ड की किस राज्य में सबसे अधिक जमीन है।
अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि ये वाकया भारत के दक्षिण राज्य तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तिरुचिरापल्ली (Tiruchirappalli) के तिरुचेंथुरई गांव का है जो साल 2022 में खूब चर्चा में रहा था। किरण रिजिजू ने बताया कि, हिंदू आबादी वाले इस पूरे गांव को ही वक्फ बोर्ड ने वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिया था। जबकि, ये गांव 1500 साल पुराना है। सबसे बड़ी बात कि इस हिंदू आबादी वाले गांव में मुस्लिम आबादी का इतिहास ही नहीं रहा है। मंदिर और उसके आसपास मंदिर की 369 एकड़ संपत्ति है।
तिरुचेंथुरई गांव के लोगों को जब इसकी जानकारी मिली तो वो हैरान रह गए कि आखिर उनकी हजारों साल पुरानी पैतृक संपत्ति वक्फ की प्रॉपर्टी कैसे बन गई। गांव के पास इस जमीन के सारे कागजात थे लेकिन वक्फ बोर्ड के पास एक भी सबूत नहीं था।
कैसे खुली वक्फ बोर्ड की पोल
दरअसल साल 2022 में इस गांव के एक शख्स ने अपनी बेटी की शादी के लिए 1.2 एकड़ जमीन बेचने का फैसला किया और जब वो रजिस्ट्रार ऑफिस पहुंचे तो पता चला कि जमीन बेचने के लिए उन्हें वक्फ बोर्ड से एनओसी लेनी होगी। रजिस्ट्रार ऑफिस ने बताया कि गांव की जमीन पर मालिकाना हक वक्फ बोर्ड का है ऐसे में उसके इजाजत के बिना ये जमीन नहीं बेची जा सकती है।
वक्फ बोर्ड ने दी थी 220 पेज की फर्जी दलील
ग्रामीण डीएम के पास गए और उन्हें बताया गांव का इतिहास 1500 साल से भी पुराना है ऐसे में ये वक्फ की प्रॉपर्टी कैसे हो सकती है। जबकि, उनके पास तो सारे कागजात भी हैं। वक्फ बोर्ड ने मामला बढ़ता देख 220 पेज का फर्जी दस्तावेज तैयार किया और दलील दी कि रानी मंगम्मल के अलावा कई स्थानीय राजाओं ने तिरुचेंथुरई की जमीन वक्फ बोर्ड को गिफ्ट में दिया था।
जिस मंदिर को वक्फ बोर्ड ने हड़पा उसी ने खोल दिया पोल
प्रशासन ने जब इसपर जांच शुरू किया था वक्फ बोर्ड की सारी दलीलें फर्जी निकलीं। गांव में 1500 वर्ष पुराना मनेंडियावल्ली समेथा चंद्रशेखर स्वामी मंदिर है जिसके शिलालेख ने वक्फ बोर्ड की सारी पोल खोल दी। मंदिर के शिलालेख पर लिखा था कि गांव की कई एकड़ जमीन मंदिर की है। इस जमीन का मालिकाना हक वक्फ बोर्ड के पास कैसे पहुंचा ये अब तक पता नहीं चल सका। ये मामला जब सुर्खियों में आया तो वक्फ बोर्ड की कई जमिनों का खुलासा हुआ।
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देश में ऐसे कई और मामले
देश के कई हिस्सों में वक्फ बोर्ड को लेकर खबर आई कि उसने सरकारी और निजी जमीन को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दी। इसी के बाद वक्फ बोर्ड एक्ट में बदलाव को लेकर मांग उठने लगी थी।
किस राज्य में है सबसे अधिक जमीन
इस समय वक्फ बोर्ड के पास सबसे अधिक प्रॉपर्टी उत्तर प्रदेश में है। यूपी में वक्फ बोर्ड शिया और सुन्नी के बीच बंटा हुआ है। राज्य में सुन्नी वक्फ बोर्ड के पास 1,24,735 वक्फ हैं और सुन्नी वक्फ की कुल 2 लाख 10 हजार 239 संपत्तियां हैं। शिया वक्फ बोर्ड के पास 7275 वक्फ हैं, जिसके तहत 15,386 से संपत्तियां हैं। वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड की सबसे अधिक संपत्तियां मुरादाबाद में है। वहीं, शिया वक्फ बोर्ड के पास लखनऊ में सबसे अधिक संपत्तियां हैं।
वक्फ बोर्ड की देश में कितनी जमीन?
रेलवे और कैथोलिक चर्च के बाद वक्फ बोर्ड तीसरे नंबर पर है जिसके पास सबसे ज्यादा जमीन है। मौजूदा समय में वक्फ बोर्ड के पास 8 लाख एकड़ से भी ज्यादा जमीन है। वक्फ बोर्ड के पास साल 2009 तक 4 लाख एकड़ जमीन हुआ करती थी जो कुछ सालों में ही बढ़कर दोगुनी हो गई। साल 2023 में अल्पसंख्यक मंत्रालय ने लोकसभा में बताया था कि दिसंबर 2022 तक वक्फ बोर्ड के पास कुल 8 लाख 65 हजार 644 अचल संपत्तियां थीं।
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