राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ और जया बच्चन के बीच शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्यसभा सभापति के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है.

जया बच्चन ने कहा

जया बच्चन ने कहा, “मैंने सभापति के टोन को लेकर आपत्ति जताई. हम स्कूल जाने वाले बच्चे नहीं हैं. हममें से कुछ वरिष्ठ नागरिक हैं. मैं उनके बोलने के लहजे से परेशान थी और खासकर जब विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने माइक बंद कर दिया. आप यह कैसे कर सकते हैं? आपको विपक्ष के नेता को बोलने देना चाहिए.”

जया बच्चन ने आगे कहा, “मेरा मतलब है कि हर बार असंसदीय शब्दों का प्रयोग करना, जो मैं यहां सबके सामने नहीं कहना चाहती. तुम उपद्रवी हो, ‘बुद्धिहीन’ हो, ये कहा जाता है. उन्होंने कहा कि आप सेलिब्रिटी हो सकते हैं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं उनसे परवाह करने के लिए नहीं कह रही हूं. मैं कह रही हूं कि मैं संसद की सदस्य हूं. यह मेरा पांचवां कार्यकाल है. मैं जानती हूं कि मैं क्या कह रही हूं. आजकल संसद में जिस तरह से बातें कही जा रही हैं, पहले कभी किसी ने नहीं बोलीं. मुझे माफी चाहिए.”

मनीष सिसोदिया को CBI-ED ने क्यों किया था गिरफ्तार, आखिरकार 17 महीनों बाद दोनों मामलों में मिल गई जमानत

हम लोग जया बच्चन के साथ- कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, “परंपरा रही है कि जब सदन के नेता या विपक्ष के नेता, जो कि एक संवैधानिक पद है, बोलने के लिए खड़े होते हैं तो दोनों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. मगर इसका पालन नहीं किया जा रहा है. घनश्याम तिवारी ने सदन में ऐसी भाषा और लहजे का इस्तेमाल किया है, जिसमें गरिमा का अभाव है. इसके बाद उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की लेकिन व्यक्तिगत तौर पर. हम मांग करते हैं कि चूंकि घटना सदन में हुई, इसलिए उन्हें सदन में अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए. जया बच्चन जो सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं, उन्होंने भी यही बात कही है और हम सभी उनके साथ खड़े हैं.”

जगदीप धनखड़ और जया के बीच जमकर चले ‘शब्दों के बाण’: धनखड़ ने जया बच्चन नाम बुलाया तो भड़की सांसद, सभापति बोले- आप भले सेलेब्रिटी हों, मगर… देखें VIDEO

विपक्ष के व्यवहार पर सत्ता पक्ष लेकर आया निंदा प्रस्ताव

राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के जरिए जया अमिताभ बच्चन कहे जाने पर जया बच्चन नाराज हो गईं. उन्होंने कहा कि सभापति जी आपकी ये टोन मुझे स्वीकार नहीं है. सभापति द्वारा जया बच्चन के साथ कथित दुर्व्यवहार से नाराज होकर विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया. वहीं, अब स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा सदन में विपक्ष के आचरण पर निंदा प्रस्ताव लेकर आए हैं.

विपक्ष के राज्यसभा सांसद भाजपा सांसद घनश्याम तिवाड़ी की ओर से विपक्ष के नेता के बारे में की गई टिप्पणी को हटाने की मांग कर रहे थे. इस बीच सपा सांसद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ की टिप्पणी के लहजे पर सवाल उठाया. सभापति ने जया बच्चन की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें स्कूली शिक्षा नहीं चाहिए. वह किसी स्क्रिप्ट के अनुसार नहीं चलते हैं और उनकी अपनी स्क्रिप्ट है. इस पर विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा से वाकआउट कर दिया. विपक्षी सांसदों के वाकआउट करने पर सभापति ने भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ का जिक्र करते हुए कहा कि विपक्ष संसद छोड़ रहा है, यह उनका कर्तव्य है.

मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने पर भावुक हुई मंत्री आतिशी, स्वाति ने कहा अब वो लीड लेकर…देखें वीडियो

बाहर आकर जया बच्चन ने क्या कहा?

इसके बाद राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने बाद में मीडिया से बातचीत में कहा, ”वो डांटने वाले कौन होते हैं, मैं यह स्वतंत्रता किसी और को नहीं दे सकती. मेरे साथ अपमानजनक बर्ताव हुआ. वहां लहजा खराब है, कितना हम सहन करें? सत्तापक्ष के लोग कुछ भी बोलते हैं, उस पर हम कुछ कहें तो कहा जाता है कि चैम्बर में आकर बात करें. हम चैम्बर में क्यों जाएं? वहां फ्लोर पर ही बात होनी चाहिए.” जया बच्चन ने कहा, ”वो बुद्धिहीन जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं. वो कहते हैं कि आप होंगी सेलिब्रिटी, हम परवाह नहीं करते. मत कीजिए परवाह, मैं सेलिब्रिटी नहीं, राज्यसभा सदस्य की हैसियत से यहां हूं. …अब आगे हमारे विपक्ष के नेता जो कहेंगे, हम वही करेंगे.”

Manish Sisodia: मनीष सिसोदिया को मिली जमानत, 16 महीने बाद देखेंगे ‘सूर्योदय और सूर्यास्त’, हफ्ते में दो दिन थाने में लगानी होगी हाजिरी

जया बच्चन ने कहा, ‘मैंने अध्यक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए लहजे पर आपत्ति जताई. हम स्कूली बच्चे नहीं हैं. हममें से कुछ तो बहुत ही वरिष्ठ हैं. मैं उनके लहजे से परेशान थी और खासकर जब विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने माइक बंद कर दिया. आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? आपको विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति देनी होगी. मेरा मतलब है कि हर बार असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करना, जो मैं आप सभी के सामने नहीं कहना चाहती. मैं कह रही हूं कि मैं संसद की सदस्य हूं. यह मेरा पांचवां कार्यकाल है. मैं जानती हूं कि मैं क्या कह रही हूं. इन दिनों संसद में जिस तरह से बातें की जा रही हैं, वैसा पहले कभी किसी ने नहीं बोला. मैं माफी चाहती हूं.