प्रयागराज. संगठन को सरकार से बड़ा बताने वाले बयान पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ दाखिल पीआईएल की बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. जिसमें केशव प्रसाद मौर्य को बड़ी राहत मिल गई है. चीफ जस्टिस अरुण भंसाली एवं जस्टिस विकास बुधवार की खंडपीठ ने कहा कि याचिका में कोई तत्व नहीं है. उच्च न्यायालय ने कहा कि प्राइवेट कैपिसिटी में पार्टी फोरम में दिए गए बयान के कोई मायने नहीं है. ये बयान पार्टी फोरम पर है. संवैधानिक पद पर रहते सरकार के फोरम पर नहीं.
न्यायालय ने आगे कहा कि केशव प्रसाद मौर्य डिप्टी सीएम होने के साथ साथ पार्टी के सदस्य भी हैं. डिप्टी सीएम होने से पार्टी से संबंध खत्म नहीं हो जाता. इस कारण पार्टी स्तर पर दिए गए बयान को लेकर अखबार में छपी खबरों के आधार पर याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कोई बल नहीं है. इस कारण खारिज की जाती है.
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बता दें कि बुधवार को मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने उप मुख्यमंत्री के इस बयान को लेकर इसके संवैधानिक पक्ष पर याची के अधिवक्ता को सुना था. अदालत ने याची के वकील को सुनने के बाद ना तो सरकार से इस मामले पर उनका पक्ष जानने के लिए उनसे कुछ पूछा, ना ही डिप्टी सीएम को कोई नोटिस जारी किया. अदालत ने कहा था कि वह इस याचिका पर उपयुक्त आदेश करेगी.
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