संदीप शर्मा, विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा में स्थित बीजा मंडल को हिंदू पक्ष विजय मंदिर बता रहा है। जबकि ASI सर्वे में इसे मस्जिद बताया गया है। इसे लेकर आज नाग पंचमी पर हिंदू समाज ने ताला खुलवाकर पूजा करने की मांग की तो प्रशासन ने उनकी मांग को खारिज कर दिया। जिसके बाद एक नया विवाद खड़ा होता दिख रहा है।
बीजा मंडल को लेकर मुस्लिम समाज ने साफ किया रुख
बीजा मंडल, विजय मंदिर को लेकर मुस्लिम समाज ने अपना रुख साफ़ कर दिया है। मुस्लिम समाज के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवेश अहमद का कहना है कि सन 1965-66 में समझौता हुआ था। तब से ही हम ईद की नमाज ईदगाह पर करते आ रहे हैं। वह स्थान शासन ने हमें दी थी। परवेज अहमद ने कहा कि वीजा मंडल पर अब मुस्लिम समाज का कोई लेना-देना नहीं है।
हिंदू समाज का बड़ा दावा
वहीं हिन्दू फरीक बीजा मंडल को प्राचीन सूर्य मंदिर बताते हैं। उनका दावा है कि 1682 में ओरंगजेब ने मंदिर को मस्जिद में कन्वर्ट कर दिया था। बताया जाता है कि नया संसद भवन विजय मंदिर की तर्ज पर ही बनाया गया है।
संगठनों ने किया विवाद
भारतीय पुरातत्व विभाग के जरिए परिसर को मस्जिद बताए जाने के बाद कई संगठनों ने इस पर हंगामा भी किया। भारी विरोध के चलते सिक्योरिटी फोर्स को कैंपस के बाहर तैनात किया गया।
दोबारा सर्वे करने की मांग
प्रदेश और केंद्र सरकार को भेजे पत्र के अनुसार इस स्थान का दोबारा सर्वे करने की मांग की गई है। राम मंदिर, ज्ञानवापी और अन्य जगहों का उदाहरण देते हुए यहां दोबारा सर्वे कर वास्तविक स्थिति पता करने की बात कही गई है। ताकि मस्जिद शब्द को विलोपित किया जाए। वहीं यह भी कहा गया कि जब पूर्व में जो विवाद हिंदू-मुस्लिम का था, वह अलग स्थान दिए जाने के बाद पूरी तरह खत्म हो चुका हैं। मुस्लिम समाज भी एएसआई के फैसले को लेकर हिंदुओं के समर्थन में है। विधायक ने मुस्लिम समाज का आभार भी प्रकट किया है।
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