रिपोर्ट- पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। जिले के सबसे अंतिम छोर पर बसा गांव सुपेबड़ा मैं फैले किडनी रोग के मामले को लगातार स्वराज में प्रशारित के बाद जहां शासन प्रशासन सक्रिय हुआ वहीं संसद चंदूलाल साहू ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा, संसद में सवाल उठाए वही सुपेबेटा के जागरुक नागरिक त्रिलोचन सोनवनी ने प्रधानमंत्री तक को पत्र लिखकर गांव वालों की जिंदगी को लेकर गुहार लगाई थी जिसका असर अब होने लगा है।
आज दिल्ली से डॉक्टर यासिर रिजवी प्रमुख नेफ्रोलॉजिस्ट सफदरगंज अस्पताल नई दिल्ली एवं डॉक्टर हेमा गेंगिया असिस्टेंट डायरेक्टर एन सी डी सी नई दिल्ली के साथ अन्य डॉक्टरों की टीम गरियाबंद पहुंच स्वास्थ्य विभाग के सी एम एच ओ डॉक्टर रात्रे से भेंट कर उनसे विभिन्नता जानकारियां बीमारी को लेकर पुछा साथ ही पत्रकारों से भी उन्होंने जानकारी ली और सूपेबेडा के लिए जाने के पूर्व जब यह संवाददाता ने उनसे सवाल पूछा कि सुपेबेडा में आप किन चीजों को देखेंगे तो उनका कहना था कि वह सुपेबेटा पहुंच वहां के बीमार लोगों से मिलेंगे साथ ही वहां सारी चीजों का अध्ययन करेंगे जिनसे किडनी की बीमारी की संभावनाएं हो सकती है।
वैसे किडनी की बीमारी हाई ब्लड प्रेशर, शुगर ,व अन्य चीजों के चलते होती है इनके साथ सुपेबेडा में और कौन-कौन से बातें हो सकती है इस पर भी वह ध्यान रखेंगे और अपनी रिपोर्ट जल्द ही नई दिल्ली जाकर स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपेंगे आगे की कार्रवाई स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशानुसार होगा