मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस सप्ताह यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) प्रणाली में दो महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य इसकी पहुंच और क्षमताओं का विस्तार करना है.

यूपीआई के माध्यम से कर भुगतान की उच्च सीमा

करदाताओं को लाभ पहुंचाने वाले एक कदम में, आरबीआई ने यूपीआई के माध्यम से कर भुगतान के लिए लेनदेन की सीमा को ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख प्रति लेनदेन कर दिया है. इस पाँच गुना वृद्धि से डिजिटल रूप से बड़े कर भुगतान करने की प्रक्रिया आसान होने की उम्मीद है.

गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति की 50वीं बैठक में निर्णय की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “इससे उपभोक्ताओं द्वारा यूपीआई के माध्यम से कर भुगतान और भी आसान हो जाएगा.”

नया “प्रतिनिधि भुगतान” फीचर

दूसरा बड़ा बदलाव यूपीआई में एक नया “प्रतिनिधि भुगतान” फीचर पेश करता है. यह नवाचार एक प्राथमिक उपयोगकर्ता को किसी अन्य व्यक्ति (द्वितीयक उपयोगकर्ता) को प्राथमिक उपयोगकर्ता के बैंक खाते से एक निर्दिष्ट सीमा तक यूपीआई लेनदेन करने के लिए अधिकृत करने की अनुमति देगा.

गवर्नर दास ने बताया, “इससे एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को प्राथमिक उपयोगकर्ता के बैंक खाते से एक सीमा तक UPI लेनदेन करने की अनुमति दे सकेगा, बिना द्वितीयक उपयोगकर्ता के UPI से जुड़े अलग बैंक खाते की आवश्यकता के.”

इस सुविधा से UPI अपनाने में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, खासकर बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों जैसे जनसांख्यिकी के बीच, जिनके पास UPI से जुड़े अपने बैंक खाते नहीं हो सकते हैं.

UPI का संचालन करने वाले भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के सीईओ दिलीप असबे ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की: “भारत में भुगतान प्रणालियों के लिए कभी भी कोई सुस्त पल नहीं होता.”

फोनपे के सह-संस्थापक समीर निगम ने डेलीगेटेड पेमेंट्स सुविधा की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह “अगले 300-400 मिलियन भारतीयों द्वारा UPI अपनाने में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी.”