कुमार इंदर. जबलपुर के सिहोरा में एक 9 माह के बच्चे की मौत हो गई. दरअसल यह मौत बच्चों को वैक्सीन लगाने के बाद हुई. वहीं बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने सिहोरा के शासकीय अस्पताल में जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि उनके बच्चे की मौत अस्पताल प्रबंधन के लापरवाही से हुई.

परिवार यहां तक आरोप है कि उन्होंने जो वैक्सीन लगाया था उसके बाद ही उनके बच्चे की मौत हो गई. वहीं इस मामले में कम है सीएमएचओ डॉक्टर संजय मिश्रा का कहना है कि उन्होंने बच्चों की डेड बॉडी का पीएम कराया है. जिसमें यह बात समझ में आई है कि ओवर फीडिंग के चलते बच्चे की डेथ हुई है.

डॉक्टर संजय मिश्रा ने बताया, जांच में पता चला है कि बच्चे की मां ने उसे लेटे-लेटे दूध पिलाया पुर खुद भी सो गई, जब बच्चे की क़रीब डेढ़ घंटे बाद सो कर उठी तो बच्चा कोई हरकत नहीं कर रहा था. बच्चों को आनन-फानन में अस्पताल में लेकर जाया गया, जहां पर उसे डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया.

सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा का कहना है कि जांच में बच्चे के लंस में दूध मिला है और उसी के चलते बच्चे की सांस रुक गई और उसकी मौत हो गई. उनका कहना है कि बच्चों को फीडिंग करने के बाद उसे थोड़ी देर स्टैंडिंग पोजीशन में रखा जाता है लेकिन इस केस में ऐसा नहीं हुआ. बच्चे की मां ने उसे सोए सोए दूध पिलाया और बच्चा वैसे ही सो गया और यही कारण है कि बच्चों के लंस में दूध फंसने से उसकी मौत हो गई.

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क्या है पूरा मामला

दरअसल, शुक्रवार को यानी की 9 अगस्त को मृत बच्चे के परिजनों ने उसे सिहोरा के एक शासकीय सिविल अस्पताल में वैक्सीनेशन के लिए लेकर गए थे. जहां पर उसे पेंटावेलेंट का इंजेक्शन लगाया और उसके बाद परिजन बच्चे को लेकर घर पहुंचे घर पहुंचने के बाद बच्चे को दूध पिलाया और उसके 2 घंटे बाद ही उसकी मौत हो गई. आपको बता दें की सिहोरा की सिविल अस्पताल में कल कई बच्चों को वैक्सीन लगाई गई थी जिनमें बाकी बच्चे बिल्कुल स्वस्थ हैं.

पीएम रिपोर्ट का इंतजार

पोस्टमार्ट की प्राइमरी रिपोर्ट के बाद पता चला है कि “श्वास नली में दूध फस जाने से बच्चे की मौत हो गई थी. जब तक पीएम रिपोर्ट नहीं आती तब तक पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई करते हुऐ प्रकरण विवेचना में लिया है.