विक्रम मिश्र, लखनऊ. अलीगढ़ में 6 नगर निकायों की दो लाख आबादी को जुलाई महीने में बगैर क्लोरीन वाला पानी पिला दिया गया. शुद्ध पानी देने का दावा करने वाली नगरपालिका अतरौली के साथ ही नगर पंचायत जलाली, पिसावा, गभाना, पिलखना और मडराक नगरीय निकायों द्वारा जो घरों में पानी की आपूर्ति की गई उसमें क्लोरीन था ही नहीं. जबकि निकाय के अफसर शुद्ध पानी की सप्लाई का दावा करते रहे. इसी पानी को पीकर इन निकायों में लगभग 4000 से ज्यादा लोग बीमार हो गए.
नगर पालिका और नगर पंचायत द्वारा पाइप लाइन के जरिए जो घरों में पानी सप्लाई किया जाता है, उसमें क्लोरीन अनिवार्य होना चाहिए. जुलाई यानी बरसात के समय में तो क्लोरीन की मात्रा बढ़ाई जाती है. लेकिन यहां तो निकायों ने बरसात के मौसम में भी लोगों को बगैर क्लोरीन वाला पानी पिला दिया गया है. ये हालात तब है जब संचारी रोग नियंत्रण माह चल रहा था. सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों की भीड़ लगी रही. 4000 लोगों का ये आंकड़ा तो केवल इन्हीं अस्पतालों का है. जबकि एक बड़ी संख्या ऐसे लोगों की भी रही होगी जिन्होंने जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज या फिर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराया होगा.
क्या है संचारी रोग नियंत्रण अभियान?
बता दें कि ‘संचारी रोग नियंत्रण’ का तात्पर्य उन बीमारियों की रोकथाम से है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती हैं. इसमें टीकाकरण, स्वच्छ जल और संक्रमण के जोखिम को कम करने के साथ व्यक्तियों और समुदायों दोनों को लाभ पहुंचाने के लिए निवारक हस्तक्षेपों के ज्ञान जैसे उपाय शामिल हैं.
रिपोर्ट में कोई त्रुटि हुई है- ईओ
जलाली नगर पंचायत और अतरौली नगर पालिका की ईओ वंदना शर्म ने बताया कि ये बिल्कुल संभव नहीं है कि पेयजल आपूर्ति में क्लोरीनेशन ना हुआ हो. ये व्यवस्था तो सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है. पानी की आपूर्ति बिना क्लोरीनेशन के नहीं की जाती. कहीं न कहीं रिपोर्ट में कोई त्रुटि हुई है. अभी मैं प्रदेश मुख्यालय की एक बैठक में हूं. लौटकर इस रिपोर्ट और क्लोरीनेशन व्यवस्था को देखने के बाद स्पष्ट किया जाएगा. अगर कहीं कोई गड़बड़ी है तो उसे दुरुस्त कराया जाएगा.
जुलाई/अगस्त महीने में हॉस्पिटल पहुंचने वाले मरीज
- अतरौली सीएचसी में उल्टीदस्त के 750 मरीज पहुंचे, वहीं बुखार के 155 मरीज पहुंचे.
- जलाली पीएचसी में डायरिया के 360 मरीज, बुखार के 150 मरीज पहुंचे.
- गभाना सीएचसी में डायरिया के 510, तो बुखार के 150 मरीज पहुंचे.
- पिलखना पीएचसी में उल्टीदस्त के 365, तो वहीं बुखार से पीड़ित 155 मरीज पहुंचे.
- मडराक पीएचसी में उल्टीदस्त के 425 और बुखार के 145 मरीज पहुंचे.
- जट्टारी पीएचसी में उल्टीदस्त के 395 और बुखार के 146 मरीज पहुंचे.
- पिसावा पीएचसी में उल्टीदस्त के 280 और बुखार के 145 मरीज पहुंचे.
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