BJP Reaction on Hindenburg Report: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद से हंगामा मच गया है। रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि SEBI चेयरमैन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) की अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी। इसी कारण उन्होंने अडानी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। हिंडनबर्ग के दावे के तुरंत बाद केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) पर विपक्ष हमलावर है। वहीं मामले में BJP की पहली प्रतिक्रिया भी सामने आई है।
बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी (Sudhanshu Trivedi ) ने कहा कि कुछ लोग देश में आर्थिक आराजकता पैदा करना चाहते हैं। LIC और HL को भी पहले बदनाम किया गया था। पिछले कई वर्ष से विदेश से ऐसी रिपोर्ट आती है।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि विपक्ष के तार सीमा पार जुडें हुए हैं। राहुल गांधी एक ब्रिटिश कंपनी में काम कर चुके हैं। विदेशी कंपनी के साथ कांग्रेस का यारान है और आर्थिक संस्था पर हमला किया जा रहा है। कुछ लोग देश में आर्थिक आराजकता पैदा करना चाहते हैं। एलआईसी और एचएल को भी पहले बदनाम किया गया था। पिछले कई वर्ष से जब जब संसद का सत्र चलता है तो विदेश से रिपोर्ट आती है। संसद सत्र के दौरान रिपोर्ट आते हैं।
महुआ मोइत्रा ने की है सीबीआई जांच की मांग
इस मामले पर टीएमसी सांसद ने कहा, “यह एक तरह से सेबी का टकराव और कब्जा दोनों है। सेबी चेयरपर्सन अडानी ग्रुप में अपारदर्शी निवेशक हैं। गौतम आडानी के समधी सिरिल श्रॉफ कॉर्पोरेट गवर्नेंस कमेटी में हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि सेबी के पास सभी शिकायतें अनसुनी कर दी जाती हैं।
महुआ मोइत्रा ने सिरिल श्रॉफ के नाम पर टिक लगाते हुए कहा कि जब तक ये सेबी के चेयरपर्सन हैं तब तक हम अडानी पर जांच को लेकर सेबी पर भरोसा नहीं कर सकते। यह जानकारी सार्वजनिक होने के बाद सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर दोबारा विचार करना होगा।
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट क्या कहती है?
अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति धवल बुच के पास अडानी समूह के कथित वित्तीय कदाचार से जुड़ी ऑफशोर एंटिटी में हिस्सेदारी है। व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि ये संस्थाएं गौतम के बड़े भाई विनोद अडानी की ओर से रुपयों की हेराफेरी करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नेटवर्क का हिस्सा थीं। रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2017 से मार्च 2022 तक बुच की अगोरा पार्टनर्स नामक एक ऑफशोर सिंगापुर की कंसल्टिंग फर्म में 100 फीसदी हिस्सेदारी थी। 16 मार्च, 2022 को सेबी चेयरपर्सन के रूप में उनकी नियुक्ति के दो सप्ताह बाद उन्होंने चुपचाप अपने पति को शेयर ट्रांसफर कर दिए। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अडानी समूह के खिलाफ जांच करने में सेबी की “निष्पक्षता” “संभावित हितों के टकराव” के कारण ‘संदिग्ध’ है।
जनवरी 2023 अडानी ग्रुप पर चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की थी
बता दें कि जनवरी 2023 में, हिंडनबर्ग रिसर्च ने अरबपति गौतम अडानी द्वारा नियंत्रित अडानी ग्रुप को टारगेट करते हुए एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की थी। इसके बाद अडानी समूह के शेयरों में करीब $86 बिलियन की गिरावट आ गई थी। शेयर की कीमत में इस भारी गिरावट ने बाद में समूह के विदेश में सूचीबद्ध बॉन्ड में भारी बिक्री दर्ज की गई थी। साथ ही सेबी ने भी हिंडनबर्ग को नोटिस जारी किया था।
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