अयोध्या. जिला महिला अस्पताल में भर्ती दुष्कर्म पीड़िता के शरीर में खून की बताई जा रही है. जिसके बाद पीड़िता की देखरेख के लिए डॉक्टरों की विशेष टीम को तैनात किया गया है. खून की कमी के चलते विशेषज्ञों की सलाह पर पीड़िता के खानपान का खास ध्यान रखा जा रहा है. साथ ही अस्पताल के मेन्यू के अलावा बाहर से भी पौष्टिक आहार खिलाया जा रहा है.

अयोध्या जिला महिला अस्पताल में भर्ती नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को बीते 5 अगस्त को संसाधनों के अभाव में इलाज के लिए केजीएमयू लखनऊ रेफर किया गया था. कड़ी सुरक्षा के बीच सीएमओ डॉ. संजय जैन एंबुलेंस से पीड़िता को लेकर लखनऊ रवाना हुए थे. नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता गर्भवती हो गई थी, जिसे इलाज के लिए महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लेकिन यहां विशेषज्ञ और आवश्यक संसाधनों की कमी से चिकित्सकों ने उसके बेहतर इलाज के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजने की सिफारिश की थी. सीएमओ डॉ. संजय जैन सुबह से अस्पताल परिसर में मौजूद थे. कई राउंड की मंत्रणा और बाल कल्याण समिति के निर्देश पर उन्होंने बालिका को लखनऊ के लिए रेफर किया था.

इसे भी पढ़ें : कभी घर से चलती थी पुलिस चौकी, आपराधिक गतिविधियों से भी रहा है लंबा नाता, कौन है अयोध्या रेप केस का मुख्य आरोपी और सपा नेता Moid Khan?

इसके बाद शनिवार को पीड़िता को फिर से महिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. बता दें कि मामला सामने आने के बाद 29 जुलाई को किशोरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस दौरान पीड़िता के परिजनों ने गर्भपात कराने की हामी भर दी थी. परिजनों की सहमति मिलने के बाद बाल कल्याण समिति ने भी गर्भपात करने की अनुमति दी थी. हालांकि, गर्भपात कराने पर किशोरी की जान को खतरा बताया गया था. महिला अस्पताल में बेहतर इंतजाम नहीं थे.

इसके बाद किशोरी का गर्भपात कराने के लिए केजीएमयू लखनऊ रेफर कर दिया गया था. जहां किशोरी का गर्भपात कराया गया और फिर उसका डीएनए सैंपल भी लिया गया. वहीं जब पीड़िता की हालत में सुधार हुआ तो उसे फिर से महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.