लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने रविवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि NEP-2020 को लागू करने वाला यूपी अग्रणी राज्य है. साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों के अच्छे परिणाम हैं. उच्च शिक्षण संस्थानों में सकल नामांकन दर 25 प्रतिशत है. 10 वर्षों में इस दर को 50% से अधिक करने का लक्ष्य है. 88,000 आंगनबाड़ी केन्द्रों को ‘बाल वाटिका’ का नया स्वरूप देना भी लक्ष्य है.

सीएम ने कहा कि बाल वाटिका को बच्चों में सीखने की ललक पैदा हो रही है. बेसिक शिक्षा के अन्तर्गत 20.5 लाख नए बच्चे जोड़े गए है. बैठक में सीएम योगी ने कहा उत्तर प्रदेश ने एक मंडल विश्वविद्यालय का लक्ष्य पूरा कर लिया है और अब हम एक जिला-एक विश्वविद्यालय की ओर बढ़ रहे हैं. ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो को बेहतर करने में इन नए विश्वविद्यालयों की स्थापना से सहायता मिल रही है. वर्तमान में उच्च शिक्षण संस्थानों में जीईआर लगभग 25 प्रतिशत है. हमारा लक्ष्य हो कि आगामी 10 वर्षों में यह 50 प्रतिशत से ज्यादा हो. उन्होंने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ज्ञान, कौशल विकास और रोजगारपरक शिक्षा पर विशेष ध्यान देती है. युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. करिकुलम तैयार करते समय इन विषयों को केंद्र में रखा जाए.

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सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के माध्यम से स्नातक और डिप्लोमा उत्तीर्ण युवाओं को औद्योगिक संस्थानों में अप्रेंटिशशिप की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. अब तक पिछले वित्तीय वर्ष में 53 हजार से ज्यादा युवा इस योजना से जुड़े और इस वर्ष अब तक 11 हजार अभ्यर्थियों ने पंजीयन कराया है. जिसमें लगभग 2800 युवा अप्रेंटिश कर रहे हैं. उन्होंने निर्देश दिये कि औद्योगिक इकाइयों से संवाद समन्वय करते हुए अधिकाधिक युवाओं को इससे लाभान्वित कराएं. सभी शिशिक्षुओं को समय से स्टाइपेंड का भुगतान होना चाहिए. उन्होंने निर्देश दिये आजमगढ़ स्थित महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय में महान साहित्यकार, विचारक राहुल सांकृत्यायन के नाम पर यथाशीघ्र शोधपीठ की स्थापना की जाए. यह पीठ राहुल सांकृत्यायन के व्यक्तित्व-कृतित्व पर शोध-अध्ययन के लिए युवाओं के लिए उचित मंच प्रदान करेगी.

उन्होंने निर्देश दिये कि एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट ( एबीसी) प्लेटफार्म पर सभी छात्रों का पंजीकरण अनिवार्य होना चाहिए. सभी छात्र क्रेडिट हस्तांतरण इसी प्लेटफार्म के माध्यम से प्रबंधित किये जाएं. इसके के बारे में छात्र-छात्राओं को जागरूक करें. मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एक्जिट प्रणाली को लागू किया जाए. उन्होंने कहा कृषि शिक्षा, शोध और अनुसंधान में अपार अवसर हैं. कॅरियर की दृष्टि से भी यह सेक्टर बड़ी संभावनाएं समेटे हुए है. हाल के वर्षों में बड़ी संख्या में युवाओं का आकर्षण इस ओर देखने को मिला है. पाठ्यक्रम बढ़े हैं, छात्र बढ़े हैं. आज सभी 04 कृषि विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित हो रहे हैं. कृषि से संबंधित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किये जा रहे हैं. प्रदेश के कृषि शिक्षण संस्थानों के विनियमन के लिए एक व्यवस्थित संस्था की आवश्यकता है. उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) जैसी संस्था इस संबंध में उपयोगी हो सकती है. इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए जाएं.