शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश पूरे भारत में टाइगर स्टेट के नाम से प्रसिद्ध है। यहां सबसे ज्यादा बाघ पाए जाते हैं। यही वजह है कि जब भी किसी राज्य को टाइगर की जरूरत पड़ती है तो उसकी निगाह सबसे पहले मध्य प्रदेश की ओर ही जाती है। वहीं अब National Tiger Conservation Authority (NTCA) ने बाघ स्थानांतरण प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इसके बाद प्रदेश के बाघों को छत्तीसगढ़, उड़ीसा और राजस्थान में भेजने की तैयारी पूरी हो गई है।
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वन विभाग ने शासन को भेजा प्रस्ताव
टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी की बाघों को छत्तीसगढ़, उड़ीसा और राजस्थान को देने के प्रस्ताव पर मोहर लगाने के बाद अब वन विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। जिसके बाद सरकार इस पर अंतिम निर्णय लेगी। तीनों राज्यों ने मध्य प्रदेश से तीन-तीन बाघ और एक बाघिन की मांग की है। राज्य सरकार बाघ के बदले संबंधित राज्यों से अन्य वन्य प्राणी की मांग कर सकती है।
प्रदेश सरकार ने NTCA से मांगा था अभिमतछत्तीसगढ़ उड़ीसा और राजस्थान ने मध्य प्रदेश से बाघ की मांग की थी जिसके बाद प्रदेश सरकार ने NTCA से अभिमत मांगा था। माना जा रहा है कि वन विभाग ने उन वनों को भी चिन्हित कर लिया है जहां पर बाघों की संख्या काफी ज्यादा है।
टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में 785 बाघ
बता दें कि वर्तमान में मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या 785 है। इस वजह से अन्य प्रदेशों की अपेक्षाएं एमपी से ज्यादा रहती है। साथ ही जिन राज्यों ने बाघ की मांग की है वहां भी बीजेपी की सरकार है। ऐसे में बाघ स्थानांतरण को लेकर किसी तरह की कोई रुकावट भी नहीं आएगी।
कमलनाथ सरकार में भी की गई थी बाघ की मांग
बता दें कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ ने कमलनाथ सरकार में भी बाघ की मांग की थी। उस समय दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी। कुछ समय बाद सरकार बदल गई और यह डिमांड फाइलों में ही कैद हो गई।
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