Hindenburg Vs SEBI: अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग ने SEBI चेयरमैन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) पर एक बार फिर हमला बोला है और उनकी प्रतिक्रिया के बाद नई पोस्ट जारी कर कई नए सवाल खड़े किए हैं। हिंडनबर्ग ने सोशल मीडिया पोस्ट के साथ सेबी प्रमुख और उनके पति धवल बुच का स्टेटमेंट लगाते हुए कहा है कि उसके आरोपों को कुछ हद तक सेबी चीफ ने मान लिया है।
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने बीते शनिवार को मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) की चेयरपर्सन मधबी पुरी बुच पर अपनी रिपोर्ट पब्लिश करने के बाद एक बार फिर हमला बोला है। हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट पर सेबी चीफ की प्रतिक्रिया के जवाब में नई पोस्ट करते हुए लिखा, ‘बुच के जवाब से साफ है कि उन्होंने हमारी कई बातों को स्वीकार किया है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि उनके बयानों से बरमूडा/मॉरीशस में उनके निवेश की पुष्टि भी होती है।
रिपोर्ट में सीधा लिखा गया है कि सेबी ने इसीलिए अडानी समूह (Adani Group) की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने की मंशा नही जाहिर की क्योंकि सेबी चीफ का निवेश अडानी संबंधित एंटिटीज में था।
हिंडनबर्ग ने नई पोस्ट में क्या कहा
Madhabi Puri Buch की इस सफाई पर हिंडनबर्ग ने रविवार को ही नई पोस्ट शेयर कर कहा कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने 10 अगस्त 2024 को हिंडनबर्ग द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में एक बयान जारी किया। इसके मुताबिक हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जिस फंड के बारे में कहा है उसमें साल 2015 में निवेश किया गया था जब वे दोनों सिंगापुर में रहने वाले निजी नागरिक थे। ये माधबी के सेबी में शामिल होने, यहां तक कि पूर्णकालिक सदस्य के रूप में भी आने से लगभग 2 साल पहले का निवेश है।
इस फंड में निवेश करने का फैसला इसलिए लिया गया था क्योंकि चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर अनिल आहूजा, धवल के स्कूल और आईआईटी दिल्ली के बचपन के दोस्त हैं। साथ ही सिटीबैंक, जेपी मॉर्गन और 3आई ग्रुप पीएलसी के पूर्व कर्मचारी होने के नाते, उनका कई दशकों का मजबूत निवेश करियर है जिसकी अनिल आहूजा ने पुष्टि भी की है। किसी भी समय फंड ने किसी भी अडानी समूह की कंपनी के बांड, इक्विटी या डेरिवेटिव में निवेश नहीं किया।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद से भारत की राजनीति में हंगामा मच गया है। विपक्ष ने मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। वहीं मामले में कांग्रेस सांसद और लोकसभा नेताप्रतिपक्ष राहुल गांधी की भी प्रतिक्रिया आई है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सेबी ने अपने चीफ के खिलाफ लगे गंभीर आरोपों से समझौता किया है। उन्होंने निवेशकों से जुड़े पैसे लेकर सवाल भी पूछे। वहीं पीएम नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अब बिल्कुल साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री जेपीसी जांच से इतने डरे हुए क्यों हैं और इससे क्या खुलासा हो सकता है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि विगत शनिवार (10 अगस्त) सुबह हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा- Something Big Soon India… ये चार शब्द एक्स पर पोस्ट किए और इसी के साथ भारतीय वित्तीय संसार में खलबली मचाने की कोशिश में वो सफल रहे। सोशल मीडिया से लेकर फाइनेंशियल मार्केट में चर्चा का बाजार गरम हो गया कि हिंडनबर्ग का अगला शिकार कौन होगा क्योंकि डेढ़ साल पहले जनवरी 2023 में अडानी समूह पर अपनी रिपोर्ट निकालकर हिंडनबर्ग ने घरेलू शेयर बाजार में भूचाल ला दिया था और इसके बाद कई महीनों तक अडानी समूह के शेयर गिरते रहे।
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