जम्मू-कश्मीर में अगर सब कुछ ठीक रहा तो यहां जल्द ही विधानसभा चुनाव हो सकता है. चुनाव आयोग के आकलन में अब तक सामने आया है कि मौजूदा सुरक्षा स्थिति में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराना काफी चुनौतीपूर्ण काम है, निर्वाचन आयोग अलग-अलग समय पर चुनाव कराने के ऑप्शन को देख रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, सबसे पहले उत्तरी कश्मीर में चुनाव हो सकता है. इसके बाद उत्तरी और दक्षिणी कश्मीर, फिर मध्य कश्मीर और जम्मू में चुनाव की प्रक्रिया पूरी कराई जा सकती है. पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा विभागों ने चुनाव आयोग को रिपोर्ट सौंपी है. इसमें बताया गया है चुनाव के लिए यहां क्या-क्या ऑप्शन हो सकते हैं.
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आखिरी बार 2014 में हुआ था चुनाव
जम्मू-कश्मीर में 4-5 चरणों में चुनाव कराया जा सकता है. चुनाव आयोग के प्रमुख राजीव कुमार के नेतृत्व में पूरा आयोग 8 से 10 अगस्त तक श्रीनगर और जम्मू में चुनाव की तैयारियों को लेकर दौरा कर चुका है. 2014 में जम्मू-कश्मीर में आखिरी विधानसभा चुनाव का आयोजन 5 चरणों में हुआ था.
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इस हफ्ते के अंत तक चुनाव आयोग केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ बैठक करेगा. इसमें सुरक्षा पर समीक्षा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव की तारीखों पर अंतिम फैसला लिया जाएगा. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर तक यहां चुनाव कराने का आदेश दिया था. जल्द से जल्द कई राजनीतिक दल यहां चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं.
ये इलाके माने जा रहे संवेदनशील
चुनाव आयोग के मुताबिक, उत्तरी कश्मीर के जिलों में काफी चुनौतियां हैं. यहां कई इलाके संवेदनशील माने जा रहे हैं. उत्तरी कश्मीर में अनंतनाग, बारामुला, बुडगाम, बांदीपोर, गांदरबल, कुपवाड़ा, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां और श्रीनगर जिले को संवेदनशील माना गया है, जबकि दक्षिण कश्मीर में कठुआ, सांबा, रियासी, जम्मू, उधमपुर जैसे जिलों को संवेदनशील माना गया है.
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