धर्मेंद्र ओझा, भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड में लोगों को मौत के बाद भी सुकून नहीं मिल रहा है। सरकार की योजना के बावजूद श्मशान घाट का निर्माण नहीं करवाया गया। आलम यह है कि ग्रामीण खुले आसमान के नीचे अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं। इस बीच अगर बारिश हो गई तो तिरपाल लगाकर आग दी जा रही है। इसका एक वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है। पूरा मामला अटेर क्षेत्र के गजना गांव का है। 

दरअसल बीते दिनों गांव के निवासी बुजुर्ग रामसिया प्रजापति की मृत्यु हो गई थी। उनका अंतिम संस्कार करने के लिए लोगों को खाली जगह में खुले आसमान के नीचे जाना पड़ा। इस दौरान वहां बारिश शुरू हो गई। चिता बुझ न जाए, इस वजह से ग्रामीणों को उसके ऊपर तिरपाल लगाना पड़ा जिसके बाद अंतिम संस्कार संभव हो सका। 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद चिता पूरी तरह जली और अंतिम संस्कार हुआ। 

श्मशान की जमीन पर दबंगों का कब्जा

ग्रामीणों का आरोप है कि यहां शासन ने श्मशान घाट के निर्माण के लिए 7 बीघा जमीन आवंटित की है। लेकिन उस पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है। इसे लेकर उन्होंने कई बार अधिकारियों को आवेदन दिया। लेकिन इसके बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। अधिकारियों के आश्वासन के बाद भी आज तक कोई सुधार नहीं हुआ। पूर्व में भी मुक्तिधाम की जमीन को लेकर सीमांकन हुआ था। लेकिन फिर भी दबंगों ने जमीन नहीं छोड़ी। उन्होंने बल के दम पर पंचायत के लोगों से और अधिकारियों से लेकर अभद्रता की थी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था। इस मामले में कई लोगों पर  एफआईआर हुई थी। 

अधिकारी सरकारी योजना को लगा रहे पलीता

यहां अधिकारी सरकारी की योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं। सरकार के निर्देश के बाद भी धरातल पर अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है। बारिश के मौसम के बावजूद मृतकों का अंतिम संस्कार करने उन्हें खुले आसमान के नीचे ले जाने को मजबूर हैं। जब इस विषय में सरपंच से बात की तो वह भी मीडिया के कैमरे से बचते हुए नजर आए। अब देखना होगा कि आखिर कब गांव के लोगों श्मशान घाट मिलेगा और किसी की मृत्यु होने पर तिरपाल लगा कर अंतिम संस्कार से कब छुटकारा मिल सकेगा। 

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