सुप्रीम कोर्ट ने योगगुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ अवमानना का केस बंद कर दिया है. रामदेव और बालकृष्ण ने लिखित में माफी मांगी और कहा कि आगे से गुमराह करने वाले विज्ञापनों और पतंजलि के उत्पादों को लेकर भ्रामक दावे नहीं किए जाएंगे. भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव, उनके सहयोगी बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को जारी अवमानना नोटिस पर 14 मई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
सुप्रीम कोर्ट को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने सूचित किया कि उन 14 उत्पादों की बिक्री रोक दी है, जिनके निर्माण लाइसेंस उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने अप्रैल में निलंबित कर दिए थे. कंपनी ने जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ को बताया था कि उसने 5,606 फ्रेंचाइजी स्टोर को इन उत्पादों को वापस लेने का निर्देश दिया है. पतंजलि आयुर्वेद से 1 एफिडेविट फाइल करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि हलफनामा दायर करके बताना होगा कि विज्ञापन हटाने के लिए सोशल मीडिया मंचों से किए गए अनुरोध पर अमल किया गया है और इन 14 उत्पादों के विज्ञापन वापस ले लिए गए हैं.
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सुप्रीम कोर्ट भारतीय चिकित्सा संघ (IAM) की ओर से दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें पतंजलि पर कोविड टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है. उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के निर्माण लाइसेंस को ‘तत्काल प्रभाव से निलंबित’ कर दिया गया है.
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