लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में 1036 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया. लोक भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम योगी के साथ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह भी मौजूद रहे.

सीएम योगी ने कहा कि अब सरकारी नौकरियों के लिए सिफारिश और रिश्वत की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी है, जबकि पहले की सरकारों में नौकरी प्राप्ति के लिए भ्रष्टाचार और लूट-खसोट आम बात थी. मुख्यमंत्री ने 2017 से पहले की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि उस समय चाचा-भतीजे के बीच यह होड़ लगी रहती थी कि कौन कितना लूट सके. उन्होंने यह भी कहा कि हर नियुक्ति में न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ता था.

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सीएम योगी ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश की पहचान में सुधार हुआ है. अब लोगों को कहीं भी जाने पर शक की निगाहों से नहीं देखा जाता, बल्कि उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में दंगे होते थे और न तो व्यापारी सुरक्षित थे और न ही बेटियां. अब ऐसी समस्याएं घट गई हैं और जनता की सुरक्षा में सुधार हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग पहले पैसे देकर नौकरी प्राप्त करने के लिए सक्रिय थे, वे अब गायब हो गए हैं.

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