पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मोगा जिले के माल हल्का किशनपुरा कलां में तैनात पटवारी नवदीप सिंह और दो आम व्यक्तियों, दिलखुश कुमारी निवासी गांव अद्रामन, मोगा और हरमिंदर सिंह उर्फ गगन निवासी गांव रसूलपुर, जिला मोगा के खिलाफ सरकारी ज़मीन की मालिकाना हक संबंधी फर्जी रिपोर्ट तैयार कर 10,065,724 रुपये का मुआवजा प्राप्त करने के बदले में आपराधिक मामला दर्ज किया है.


इस संबंध में जानकारी देते हुए आज यहां राज्य विजिलेंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि विजिलेंस जांच के आधार पर विजिलेंस थाना फिरोजपुर रेंज में भ्रष्टाचार रोधी कानून की धारा 13(1) (ए) और 13(2) और आई.पी.सी. की धारा 409, 465, 466, 467, 468, 471, 120-बी के तहत उपरोक्त तीनों आरोपियों के खिलाफ एफ.आई.आर. नंबर 19 दिनांक 12.08.2024 को दर्ज की गई है.


इस संबंध में आगे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि गांव अद्रामन, तहसील धर्मकोट, जिला मोगा में स्थित पंजाब सरकार के पुनर्वास विभाग की ज़मीन को फर्जी तरीके से उपरोक्त दिलखुश कुमारी के नाम पर स्थानांतरित कर उसे उसके नाम पर हस्तांतरित कर दिया गया. यह भी सामने आया कि इस ज़मीन के हस्तांतरण पर छिंदा पटवारी द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे, जबकि वह तहसील धर्मकोट के गांव रेडवा के संबंधित माल हल्का में तैनात नहीं था और वर्ष 2021 के दौरान उसकी मृत्यु हो चुकी थी. उन्होंने आगे बताया कि इस मामले की जांच के दौरान तहसील धर्मकोट में तैनात तत्कालीन कानूनगो और नायब तहसीलदार ने बयान दर्ज करवाए हैं कि उनके द्वारा उक्त ज़मीन के इस हस्तांतरण पर हस्ताक्षर नहीं किए गए थे, जिसके बाद यह हस्तांतरण संदिग्ध पाया गया. इस ज़मीन में से कुछ हिस्सा राष्ट्रीय मार्ग बनाने के लिए अधिग्रहित किया गया था और उक्त आरोपी दिलखुश कुमारी ने 18,53,661 रुपये और 82,12,063 रुपये का मुआवजा हासिल कर लिया था.


प्रवक्ता ने आगे बताया कि जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि अधिग्रहित की गई ज़मीन की मूल्यांकन रिपोर्ट और इसका ई-रोल उक्त पटवारी नवदीप सिंह द्वारा तैयार किया गया था. यह भी पता चला है कि नवदीप सिंह पटवारी ने आरोपी दिलखुश कुमारी को यह अवैध मुआवजा दिलवाने के लिए उपरोक्त आरोपी हरमिंदर सिंह उर्फ गगन के साथ साजिश की थी.
उन्होंने कहा कि इस विजिलेंस जांच के आधार पर उपरोक्त तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और इस मामले की आगे की पूछताछ के दौरान माल विभाग के अन्य संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी.