सुल्तानपुर. उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के बल्दीराय और कुड़वार ब्लॉक में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आया है. ऐसी महिलाओं की भी शादी करा दी गई जो पहले से शादीशुदा हैं और कई बच्चों की मां हैं. सरकारी रकम को हड़पने के लिए ये काम किया गया. सामूहिक विवाह योजना के तहत हर जोड़े को 51 हजार रुपये मिलते हैं. साथ ही गृहस्थी का काफी सामान भी दिया जाता है.

सामूहिक विवाह योजना में बड़े पैमाने पर हुआ भ्रष्टाचार सामने आने के बाद कार्रवाई शुरू हो गई है. सेक्रेटरी, एडीओ समाज कल्याण को निलंबित कर दिया गया है. जांच के लिए तीन अधिकारियों का पैनल बैठाया गया है. बीते दिनों जांच टीम ने कुछ महिलाओं का बयान लिया. इसके बाद गांव में हड़कंप मच गया. लोग घरों में ताला बंद कर गायब हो गए. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हुए भ्रष्टाचार में एक महिला भी शामिल थी. ये महिला ब्रोकर का काम करती थी. जो फर्जी शादी के लिए युवतियों, महिलाओं को तैयार करती और मंडप में बैठाती थी. रकम और सामान मिलने के बाद ये महिला गायब हो जाती थी. ऐसे करीब 34 मामले सामने आए हैं जहां दो-दो बच्चों की मांओं को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ दिया गया.

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अधिकारियों की साठगांठ से चल रही थी दलाली

मंगलवार को जांच टीम के अधिकारी DPRO अभिषेक शुक्ला, जिला प्रशिक्षण अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता, जिला दिव्यांगजन अधिकारी मुदित श्रीवास्तव आदि महुली गांव पहुंचे. यहां अधिकारियों ने गांव वालों से पूछताछ की. प्रधान प्रतिनिधि से भी पूछताछ कर जानकारी जुटाई गई. फिर महिलाओं का सत्यापन करने निकल पड़े. ग्रामीणों ने बताया कि कंचन नाम की एक महिला दलाली का काम करती है. क्योंकि कंचन की समाज कल्याण कार्यालय पर काफी पैठ है. वो सीधे वहां के अधिकारियों के संपर्क में रहती है. आसपास के गांव और अपनी रिश्तेदारी से महिलाओं को सामूहिक शादी में ले जाती है. वह गरीब वर्ग, पिछड़ी और दलित वर्ग की महिलाओं को पैसे और सामान का लालच देकर दुल्हन बनाकर बैठाती है.

ऐसा हुआ खुलासा

बता दें कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार का हलियापुर के रहने वाले समाजसेवी प्रभात सिंह ने भंडाफोड़ किया है. प्रभात सिंह का कहना है कि 4 मार्च को बल्दीराय ब्लॉक में शादी हो रही थी. जिसमें 69 जोड़े थे. जब एडीओ समाज कल्याण से लिस्ट मांगी तो 85 जोड़ो की शादी होने की बात कही गई. लेकिन वीडियो दिखाने की बात पर सवाल टाल दिया. इस पर जनसूचना से डिटेल मांगी गई तो इस खेल का खुलासा हुआ.

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दो बच्चों की मां की शादी

दरअसल, 11 जुलाई को बल्दीराय विकासखंड में 81 और 12 जुलाई को कुड़वार ब्लॉक में दर्जनों जोड़ों की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादियां कराई गई. आरोप है कि दोनों ही जगहों पर इस कार्यक्रम में सरकारी पैसे का बड़े स्तर पर बंदरबांट हुआ. बल्दीराय के महुली गांव की सरिता और शांति आपस में ननद-भौजाई हैं. सरिता की शादी करीब आठ साल पहले राजू के साथ हुई थी. सरिता के दो बेटे भी हैं. बड़ा बेटा पांच साल का और छोटा करीब सात महीने का है. 12 जुलाई को कुड़वार में सरिता की शादी उसके अपने पति से दोबारा ही करा दी गई.

लिस्ट में कई लोगों के नाम रिपीट

गेलू की बेटी शांति की भी इसी दिन शादी कराई गई. जबकि असल में पांच साल पहले ही उमरा गांव में उसकी शादी हो चुकी है. उसका एक साल का बेटा भी है. इसके अलावा भी ऐसी कई महिलाएं हैं जिनकी शादी इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम के तहत कराई गई. जबकि हकीकत में वो पहले से ही शादीशुदा हैं और कई बच्चों की मां हैं. महुली ग्राम पंचायत में 11 और 12 जुलाई को 24 और भखरी में 10 शादियां कराई गई थी, लेकिन सरकारी वेबसाइट पर भखरी की दस लाभार्थियों की सूची में भी महुली की चार-पांच महिलाओं का नाम भी है.

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