धर्मेंद्र यादव, निवाड़ी। मध्य प्रदेश के निवाड़ी तहसील में भ्रष्टाचार से परेशान एक बुजुर्ग ने कलेक्ट्रेट में जमकर हंगामा किया। बुजुर्ग ने अधिकारी को जूता फेंककर मारा, हालांकि कि जूता अधिकारी को नहीं लगा। इसके बाद बुजुर्ग शख्स ने कहा कि मैंने आपको जूता मारा है, आप मुझे जेल भेज दो। आप लोगों ने कमिश्नर का आदेश नहीं माना, आप बड़े अधिकारी हैं, इस भ्रष्टाचार को मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा, जब तक भ्रष्ट अधिकारी जेल नहीं जाते तब तक के लिए मुझे जेल भेज दिया जाए। आइए जानते है आखिर पूरा मामला क्या है…

जिले के निवाड़ी जनपद पंचायत के ग्राम घुघसी निवासी लक्ष्मी प्रसाद यादव समाजसेवा का काम करते हैं। निवाड़ी जनपद की ग्राम घुघसी में एक आदिवासी महिला की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है। आदिवासी महिला को न्याय दिलाने के लिए अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर काट रहे लक्ष्मी प्रसाद यादव परेशान होकर मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में चल रही जनसुनवाई में पहुंचे। जहां वरिष्ठ अधिकारी से नोंकझोक के बाद जूता फेंककर मारा। गनीमत रही कि जूता अधिकारी को नहीं लग पाया। इस घटना के बाद भी वहां से गया नहीं, बल्कि चिल्ला चिल्ला कर बोलता रहा कि मैंने आपको जूता मारा है आप मुझे जेल भेजो।

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समाजसेवी लक्ष्मी प्रसाद ने एक दिन पूर्व 12 अगस्त को ही एसडीएम निवाड़ी को एक आवेदन दिया था। आवेदन में लक्ष्मी प्रसाद यादव ने उल्लेख किया था कि जिले की निवाड़ी तहसील में फैले भ्रष्टाचार को वह सहन नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए जब तक इन भ्रष्टाचारियों को जेल नहीं भेजा जाता तब तक मुझे मेरी सुरक्षा के लिए जेल भेज दिया जाए। इसके बाद 13 अगस्त को जिला कलेक्ट्रेट में चल रही जनसुनवाई में पहुंचे। जहां आक्रोश में आकर लक्ष्मी प्रसाद यादव ने जनसुनवाई कक्ष में उपस्थित जिले के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ अन्य लोगों की मौजूदगी में सामने कुर्सी पर बैठे अधिकारी को जूता फेंककर मारा, लेकिन अधिकारी ने फुर्ती में अपना बचाव कर लिया।

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कलेक्ट्रेट कार्यालय में अचानक हुई इस घटना से हलचल मच गई। आनन-फानन में कलेक्टर कार्यालय के आसपास मौजूद सभी लोग जनसुनवाई कक्ष में पहुंचे। जहां समाजसेवी वृद्ध और अधिकारी की तीखी नोंकझोक हो रही थी। जिसमें समाजसेवी लक्ष्मी प्रसाद यादव खुद बोल रहे थे कि मैंने आपको जूता मारा है, आप मुझे जेल भेज दीजिए। लेकिन उसके बाद भी अधिकारी उसको समझाने का प्रयास करते हुए नजर आ रहे थे। आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों से वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति जिलेभर में नाराजगी देखने को मिल रही है। पिछले माह में जिले के कर्मचारी कलेक्टर के खिलाफ लामबंद होकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। एक बार फिर इस घटना प्रशासन की नाकामी को बयां करती दिख रही है।

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