रायपुर. छत्तीसगढ़ के दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है. प्रदेशभर के हजारों कर्मचारी रायपुर के तूता धरना स्थल पर अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने भारत के स्वतंत्रता दिवस पर धरना स्थल पर ही झंडा फहराने की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे रक्षा बंधन का त्यौहार भी धरना स्थल पर ही मनाएंगे. लेकिन जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती वे प्रदर्शन जारी रखेंगे.

नौ सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल

संघ के प्रदेशाध्यक्ष राम कुमार सिन्हा ने बताया कि कर्मचारियों ने अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर आवेदन और निवेदन किया था, लेकिन जब उनकी सुनवाई नहीं हुई, तो उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने का निर्णय लिया. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि धरना स्थल पर झंडा फहराने के साथ ही रक्षाबंधन पर भी घर न जाकर त्यौहार यहीं मनाएंगे.

वन विभाग के कर्मचारियों की प्रमुख मांगें:

  • पद स्वीकृति: महासमुंद वन मंडल में 178 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की स्वीकृति की जाए, जिसमें वर्तमान में केवल 96 पदों की स्वीकृति मिली है.
  • नियमितीकरण: विगत 10 वर्षों से कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए.
  • स्थायीकरण: पिछले 2 वर्षों से कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायी किया जाए.
  • आकस्मिकता निधि सेवा: वन विभाग और संबंधित संगठनों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए आकस्मिकता निधि सेवा लागू की जाए.
  • सीधी भर्ती पर रोक: नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी होने तक रिक्त तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर सीधी भर्ती पर रोक लगाई जाए और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को समायोजित किया जाए.
  • वेतन भुगतान: 4-5 माह से लंबित वेतन और डिपो में 8-9 माह से लंबित वेतन का तत्काल भुगतान किया जाए.
  • श्रम सम्मान राशि: श्रमायुक्त दर पर काम कर रहे कर्मचारियों को 4,000 रुपये की श्रम सम्मान राशि का तुरंत भुगतान किया जाए.
  • 24 घंटे ड्यूटी: डिपो में 24 घंटे की ड्यूटी को समाप्त किया जाए और दो श्रमिकों की स्वीकृति दी जाए.
  • समान वेतन: समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए, विशेष रूप से रायपुर और अन्य वन मंडलों में.