देहरादून। धामी कैबिनेट ने नए जेल एक्ट को मंजूरी दे दी है। उत्तराखंड गृह विभाग की ओर से तैयार किए गए उत्तराखंड कारागार एवं सुधारात्मक सेवाएं अधिनियम- 2024 में जेल सेवाओं और कैदियों के कल्याण से संबंधित 16 बिंदुओं को शामिल किया है। इस एक्ट का मुख्य उद्देश्य है कि कैदियों को सजा देना नहीं, बल्कि उनके सुधार का है।

केंद्र सरकार ने किया था ये काम

दरअसल, केंद्र सरकार ने कारागार अधिनियम 1894 की समीक्षा कर पिछले साल संशोधन कर ‘मॉडल कारागार एवं सुधारात्मक सेवाएं अधिनियम- 2023’ का ड्राफ्ट तैयार किया था। साथ ही केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपेक्षा की थी कि सभी सरकारें इस ड्राफ्ट को अपने अपने राज्यों में लागू करें। जिसके क्रम में उत्तराखंड कैबिनेट ने ‘उत्तराखंड कारागार एवं सुधारात्मक सेवाएं अधिनियम- 2024’ को मंजूरी दे दी है।

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किए जााएंगे तीन कानून रद्द

केंद्र सरकार की ओर से तैयार ‘मॉडल कारागार एवं सुधारात्मक सेवाएं अधिनियम- 2023’ का ड्राफ्ट तैयार किए जाने और इसे लागू करने के बाद अंग्रेजों के समय से चली आ रहे दो और आजादी के बाद बना एक कानून यानी कुल तीन कानून रद्द कर दिए जाएंगे। जिसमें मौजूदा कारागार अधिनियम- 1894, बंदी अधिनियम – 1900 और बंदी अंतरण अधिनियम- 1950 शामिल है। केंद्र सरकार की ओर से तैयार ड्राफ्ट में अपने सुझावों को शामिल करते हुए उत्तराखंड गृह विभाग ने भी एक्ट तैयार किया था।

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