नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक्स में हॉकी में भारत को लगातार दूसरा कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले गोलकीपर पीआर श्रीजेश के सम्मान में हॉकी इंडिया ने उनके जर्सी नंबर 16 को रिटायर करने का फैसला लिया है. हालांकि, नंबर 16 की जर्सी अभी भी जूनियर खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध रहेगी.

हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने दिग्गज गोलकीपर को सम्मानित करने के समारोह के दौरान जर्सी को रिटायर करने के साथ बताया कि 36 वर्षीय श्रीजेश जूनियर राष्ट्रीय कोच होंगे. सिंह ने साथ ही स्पष्ट किया कि श्रीजेश जूनियर टीम में अगले श्रीजेश को तैयार करेंगे, जो नंबर 16 की जर्सी पहनेंगे.

भारत के लिए लंबे समय से हीरो रहे श्रीजेश ने राष्ट्रीय टीम के कोच की भूमिका पर विचार करने से पहले अपने लिए आठ साल की समयसीमा तय की है. उन्होंने 2036 ओलंपिक में कोच के रूप में भारत का नेतृत्व करने की अपनी महत्वाकांक्षा भी व्यक्त की.

श्रीजेश ने कहा, “मैं कोच बनना चाहता हूं. यह हमेशा से मेरी योजना थी, लेकिन अब सवाल यह है कि कब. रिटायरमेंट के बाद परिवार सबसे पहले आता है. मुझे उनसे बात करनी होगी कि क्या वे इसके लिए तैयार हैं. अब आपको अपनी पत्नी की थोड़ी बात सुननी होगी.”

उन्होंने कहा, “मैं जूनियर खिलाड़ियों से शुरुआत करना चाहता था और राहुल द्रविड़ इसका उदाहरण हैं. यह ऐसा है जैसे आप कई खिलाड़ियों को तैयार करते हैं, उन्हें सीनियर टीम में लाते हैं और उन्हें अपने पीछे चलने देते हैं.”

उन्होंने कहा कि मैं इस साल से शुरुआत करूंगा, अगले साल 2025 में जूनियर विश्व कप होगा और अगले दो साल में सीनियर टीम विश्व कप खेलेगी. तो शायद 2028 तक मैं 20 या 40 खिलाड़ी तैयार कर सकूं और 2029 तक मैं सीनियर टीम में 15-20 खिलाड़ी तैयार कर सकूं और 2030 तक सीनियर टीम में लगभग 30-35 खिलाड़ी तैयार कर सकूं.

श्रीजेश ने कहा, और 2032 तक मैं मुख्य कोच के पद के लिए तैयार हो जाऊंगा. अगर भारत को 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी मिलती है, तो मैं भारत का कोच बनना चाहूंगा.