Rahul Gandhi Sitting Controversy: देश ने गुरूवार (15 अगस्त) को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस (India 78th Independence Day) मनाया। इस अवसर पर पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने लाल किले (Red Fort) पर तिरंगा झंडा फहराकर देश की जनता को संबोधित किया। वहीं कांग्रेस इसे मुद्दा बनाते हुए केंद्र सरकार पर हमलावर है। इसे लेकर रक्षा मंत्रालय की ओर से बयान भी जारी किया गया है। इस बीच कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) और सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinate) ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ नेता प्रतिपक्ष के पद का अपमान नहीं था, बल्कि भारत के लोगों का अपमान था, जिनकी आवाज राहुल गांधी संसद में उठाते हैं।
कांग्रेस पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘पीएम नरेन्द्र मोदी. अब समय आ गया है कि आप 4 जून के बाद नयी वास्तविकता को स्वीकार करें। जिस अहंकार के साथ आपने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान लोकसभा नेता राहुल गांधी को अंतिम पंक्ति में भेज दिया, उससे पता चलता है कि आपने सबक नहीं सीखा है।
रक्षा मंत्रालय की कमजोर दलील- केसी वेणुगोपाल
केसी वेणुगोपाल ने दावा किया, ‘रक्षा मंत्रालय की यह कमजोर दलील है कि यह ‘ओलंपियनों (ओलंपिक प्रतिभागियों) के सम्मान के लिए था। इसका कोई ज्यादा मतलब नही है। ओलंपियन हर तरह से सम्मान के पात्र हैं, लेकिन मुझे आश्चर्य है कि अमित शाह या निर्मला सीतारमण जैसे कैबिनेट मंत्रियों को उनसे आगे की पंक्ति में सीटें कैसे मिल जाती हैं। उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार, दोनों सदनों के एलओपी को भी आगे की पंक्ति में बैठना चाहिए, लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की सीटें 5वीं पंक्ति में थीं। यह सिर्फ नेता प्रतिपक्ष या राहुल गांधी के पद का अपमान नहीं था। यह भारत के लोगों का अपमान था, जिनकी आवाज़ राहुल गांधी संसद में उठाते हैं।
सुप्रिया श्रीनेत बोलीं- यह नरेंद्र मोदी की कुंठा
वहीं कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर लिखा कि- छोटे मन के लोगों से बड़ी चीज़ों की उम्मीद करना बेमानी है नेता प्रतिपक्ष @RahulGandhi को स्वतंत्रता दिवस के समारोह में पाँचवीं लाइन में बिठा कर नरेंद्र मोदी ने अपनी कुंठा ज़रूर दिखाई, लेकिन इससे राहुल गांधी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है नेता प्रतिपक्ष की रैंक कैबिनेट मंत्री की होती है, सरकार के मंत्री पहली लाइन में बैठें थे. तो इन छुद्र मानसिकता वालों को लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की भी कोई परवाह नहीं है रक्षा मंत्रालय का बयान सरकार और बेनक़ाब कर रहा है सच यह है कि राहुल गांधी से मोदी और उनके मंत्री आँखें चुराते हैं, और असहज हो जाते हैं. राहुल गांधी पाँचवीं लाइन में बैठें या पचासवीं, वो जननायक ही रहेंगे – लेकिन आपलोग इस तरह की गलीच हरकतें करना कब बंद करेंगे?
सरकार ने राहुल गांधी की सिटिंग पॉजिशन पर क्या कहा
वहीं, राहुल गांधी की बैठने की जगह यानी सिटिंग पॉजिशन को लेकर हो रही राजनीति पर सरकार का भी जवाब दिया है। रक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि इस बार आगे की कतार ओलंपिक पदक विजेताओं के लिए अलॉट करनी पड़ी, जिसकी वजह से राहुल गांधी को पीछे की कतार में बैठाना पड़ा। स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम आयोजित करने और बैठने की योजना बनाने की जिम्मेदारी रक्षा मंत्रालय की होती है। सूत्रों ने बताया है कि कुछ केंद्रीय मंत्रियों को भी इस बार पीछे बैठाना पड़ा है।
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