Jammu & Kashmir Assembly Election: चुनाव आयोग (Election Commission) ने शुक्रवार (16 अगस्त) को जम्मू-कश्मीर (JK) और हरियाणा (Haryana) के विधानसभा चुनावों का ऐलान कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों (18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर) मतदान होगा। वहीं हरियाणा में एक चरण में 1 अक्टूबर को मतदान होगा। दोनों राज्यों में नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे।जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहा है। आखिरी बार जम्मू कश्मीर में 2014 में चुनाव हुए थे।

महिला डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट में मिला 151 ग्राम वीर्य: पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर डॉक्टर बोले- यह एक शख्स को होना असंभव, बड़ा सवाल- तो क्या कोलकाता रेप केस गैंगरेप है? – Kolkata Doctor Rape-Murder Case

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव की जानकारी देते हुए कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि भारत ने दुनिया को जो तस्वीर दिखाई उससे दुनिया में मैसेज गया, चमक बहुत दिनों तक दिखाई देती रहेगी। विश्व में कही भी चुनाव हो भारत से तुलनात्मक रूप से याद दिलाती रहेगी। जम्मू कश्मीर चुनाव समीक्षा के लिए हमारी टीम गई थी, लोगों में गजब का उत्साह दिखाई दिया। सभी लालायित दिखे। लंबी-लंबी लाइनें उम्मीद और जम्हूरियत की तस्वीर बता रही थी कि आवाम बदलाव चाहता है और वह उसका हिस्सा बनना चाहता है।

2 मिनट में 4 मर्डरः 10वीं के छात्र ने क्राइम सीरियल देखकर सीखा हत्या का तरीका, चाकू से मां-बाप और भाई-बहन का रेत डाला गला- Begusarai Mass Murder

जम्मू-कश्मीर में 87 लाख मतदाता मत का करेंगे इस्तेमाल

राजीव कुमार ने कहा कि इलेक्शन कमीशन ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। वहां पर 87 लाख 9 हजार वोटर हैं, 11 हजार 838 पोलिंग बूथ हैं और लोगों में विधानसभा चुनाव को लेकर उत्साह है।  जम्मू कश्मीर में लोगों ने आतंक को नकार दिया और बायकॉट छोड़कर बैलेट का साथ दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लगभग 20 लाख युवा मतदाता हैं. पिछले चुनाव में लोगों की लंबी-लंबी कतारें दिखीं थी।

बांग्लादेश हिंसा के बाद पाकिस्तानी मौलाना की भारत के मुस्लिमों से अपील… सत्ता बदलने की दी टिप!- Engineer Muhammad Ali Mirza On Bangladesh Violence

जम्मू-कश्मीर में 90 सीटों पर होंगे विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर में अब विधानसभा सीटों की संख्या बढ़कर 90 हो गई है। जम्मू में अब 43 तो कश्मीर में 47 सीटें होंगी। पीओके के लिए 24 सीटें ही रिजर्व हैं। यहां चुनाव नहीं कराए जा सकते, जबकि लद्दाख में विधानसभा ही नहीं है। इस तरह से कुल 114 सीटें हैं, जिनमें से 90 पर चुनाव कराए जाएंगे। जम्मू रीजन में सांबा, कठुआ, राजौरी, किश्तवाड़, डोडा और उधमपुर में एक-एक सीट बढ़ाई गई है। वहीं, कश्मीर रीजन में कुपवाड़ा जिले में एक सीट बढ़ाई गई है।

Monkeypox: मंकीपॉक्स ने दुनिया में मचाया कोहराम, 100 से ज्यादा की हुई मौत, पाकिस्तान-स्वीडन में भी मिला मरीज, WHO ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी का किया ऐलान

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। आखिरी बार यहां 2014 में चुनाव हुए थे. यहां की 87 सीटों में से पीडीपी ने 28, बीजेपी ने 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं। बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई और मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने थे। जनवरी 2016 में मुफ्ती मोहम्मद सईद का निधन हो गया था। करीब चार महीने तक राज्यपाल शासन लागू रहा। बाद में उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनीं. लेकिन ये गठबंधन ज्यादा नहीं चला था। 19 जून 2018 को बीजेपी ने पीडीपी से गठबंधन तोड़ लिया था। राज्य में राज्यपाल शासन लागू हो गया। अभी वहां उपराज्यपाल मनोज सिन्हा हैं।

राहुल गांधी को 5वीं पंक्ति में कैसे बैठाया? कांग्रेस ने गिनाए सारे नियम-कायदे तो BJP ने तर्कों से निकाल दी हवा- Rahul Gandhi Sitting Controversy

कितना बदल गया जम्मू-कश्मीर

5 अगस्त 2019 को ही जम्मू-कश्मीर काफी बदल गया था. इसके बाद जम्मू-कश्मीर दो हिस्सों में बंट गया। पहला- जम्मू-कश्मीर और दूसरा- लद्दाख। दोनों ही अब केंद्र शासित प्रदेश हैं. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भी है, जबकि लद्दाख में ऐसा नहीं है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भले ही है, लेकिन यहां अब सरकार पहले जैसी नहीं रहेगी। पहले जम्मू-कश्मीर में चुनी हुई सरकार ही सबकुछ थी, लेकिन अब उपराज्यपाल सबसे ऊपर होंगे। पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर पर उपराज्यपाल का अधिकार होगा। जबकि, बाकी सभी मामलों पर चुनी हुई सरकार फैसला कर सकेगी. हालांकि, उपराज्यपाल की मंजूरी जरूरी होगी।

Human Rights Report: ह्यूमन राइट्स की रिपोर्ट ने पीएम मोदी को लेकर उठाए गंभीर सवाल, छापी ऐसी रिपोर्ट, जिससे घमासान मचना तय- PM Modi

सीटों की संख्या कितनी बदली?

– पहलेः जम्मू-कश्मीर में कुल 111 सीटें थीं. जम्मू में 37, कश्मीर में 46 और लद्दाख में 4 सीटें थीं। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 24 सीटें होती थीं।

– अबः जम्मू में अब 43 तो कश्मीर में 47 सीटें होंगी. पीओके के लिए 24 सीटें ही रिजर्व हैं. यहां चुनाव नहीं कराए जा सकते। जबकि लद्दाख में विधानसभा ही नहीं है। इस तरह से कुल 114 सीटें हैं, जिनमें से 90 पर चुनाव कराए जाएंगे।

कोलकाता रेप-मर्डर केस के खिलाफ प्रदर्शन हुआ हिंसक: अज्ञात हमलावरों ने उन हिस्सों में तोड़फोड़ की, जहां महिला डॉक्टर का शव मिला था, BJP बोलीं- TMC के गुंडों ने यहां आकर सबूत मिटाए – Kolkata Doctor Rape-Murder Case

कश्मीरी पंडितों के लिए क्या?

कश्मीरी पंडितों के लिए दो सीटें रिजर्व रखी गई हैं. हालांकि, इन्हें कश्मीरी प्रवासी कहा गया है। अब उपराज्यपाल विधानसभा के लिए तीन सदस्यों को नामित कर सकेंगे, जिनमें से दो कश्मीरी प्रवासी और एक पीओके से विस्थापित व्यक्ति होगा। जिन दो कश्मीरी प्रवासियों को नामित किया जाएगा, उनमें से एक महिला होगी। कश्मीरी प्रवासी उसे माना जाएगा जिसने 1 नवंबर 1989 के बाद घाटी या जम्मू-कश्मीर के किसी भी हिस्से से पलायन किया हो और उसका नाम रिलीफ कमीशन में रजिस्टर हो। वहीं, जो भी व्यक्ति 1947-48, 1965 या 1971 के बाद पीओके से आया होगा, उसे विस्थापित माना जाएगा।

बांग्लादेश हिंसा के बाद पाकिस्तानी मौलाना की भारत के मुस्लिमों से अपील… सत्ता बदलने की दी टिप!- Engineer Muhammad Ali Mirza On Bangladesh Violence

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H