हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है. दोनों राज्यों के नतीजे एक साथ ही 4 अक्टूबर को आएंगे. लेकिन महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है. इस बारे में जब पूछा गया तो मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कई कारण गिना दिए.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र बड़ा राज्य है. वहां कई चरणों मतदान होंगे और त्योहारों के चलते वोटिंग अलग से कराई जाएगी. कुमार ने कहा कि गणेश उत्सव, पितृ पक्ष नवरात्रि, दिवाली जैसे बड़े त्योहार हैं. इसलिए महाराष्ट्र में चुनाव बाद में कराए जाएंगे. उन्होंने कहा कि हम 2-2 राज्यों में चुनाव कराएंगे.
अभी हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनाव होंगे. इसके बाद झारखंड और महाराष्ट्र पर फैसला होगा. माना जा रहा है कि अब महाराष्ट्र के साथ ही झारखंड में भी चुनाव कराए जा सकते हैं. झारखंड की विधानसभा का समापन दिसंबर में हो रहा है, जबकि महाराष्ट्र विधानसभा की आखिरी तारीख 26 नवंबर है. ऐसे में 26 तारीख से पहले राज्य में विधानसभा का गठन हो जाना चाहिए. वहीं आयोग ने दिवाली जैसे त्योहार को इलेक्शन लटकाने की वजह बताया है. साफ है कि अब महाराष्ट्र और झारखंड में दिवाली के बाद ही मतदान होगा. इस साल दिवाली 1 नवंबर को है. चुनाव की शुरुआत नवंबर के पहले सप्ताह के अंत से ही हो सकती है.
महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं. परंपरागत तौर पर यहां कई चरणों में मतदान होता रहा है. इस बीच जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम पहले से ही चुनाव के लिए तैयार थे. उन्होंने कहा कि इस बार तीन ही चरणों में चुनाव हो रहे हैं, जो नई चीज है. चुनाव के लिए कम वक्त मिलेगा, जो सभी राजनीतिक दलों के लिए नया अनुभव होगा. उनके बयान से माना जा रहा है कि वह चुनाव में उतरेंगे. हालांकि उन्होंने पहले कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलता, वह चुनाव नहीं लड़ेंगे. इसी तरह महबूबा मुफ्ती ने चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था.
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