नई दिल्ली। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने 16 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया. बातचीत के दौरान मोहम्मद युनूस ने पीएम मोदी को बांग्लादेश में हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया.

पीएम मोदी ने अपने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस का फोन आया. मौजूदा स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया. लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन को दोहराया.”

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पीएम मोदी ने कॉल के दौरान लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन की पुष्टि की. उन्होंने विभिन्न विकास पहलों के माध्यम से बांग्लादेश के लोगों का समर्थन करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.

बयान में कहा गया, “प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करने के महत्व को भी रेखांकित किया.” यूनुस ने कहा कि अंतरिम सरकार बांग्लादेश में हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यक समूहों की सुरक्षा और संरक्षण करेगी.

बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने संबंधित राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की.

यह मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चिंता जताए जाने के एक दिन बाद आया है.

मोदी की यह टिप्पणी बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमलों की व्यापक घटनाओं को लेकर बढ़ते तनाव के बीच आई है. 5 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कई सप्ताह तक चली हिंसा के बाद इस्तीफा दे दिया था. हसीना इस्तीफा देकर भारत भाग गई थीं.

मोदी ने लाल किले से कहा, “एक पड़ोसी देश के रूप में, मैं बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उसके बारे में चिंता को समझ सकता हूं. मुझे उम्मीद है कि वहां की स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी. खास तौर पर, 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. भारत हमेशा चाहता है कि पड़ोसी देश शांति और समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़े,”

बता दें कि कुछ दिन पहले यूनुस ने ढाका में ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया और बांग्लादेश के हिंदू समुदाय से संपर्क किया. उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के सदस्यों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

15 साल तक बांग्लादेश पर शासन करने वाली हसीना (76) ने बड़े पैमाने पर विरोध के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. यह विरोध शुरू में नौकरी-कोटा योजना के खिलाफ आंदोलन के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन कुछ ही हफ्तों बाद यह एक बड़े आंदोलन में बदल गया और उन्हें सत्ता से हटाने की मांग की गई.

शेख हसीना के जाने के बाद, नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली. उन्हें राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने पद की शपथ दिलाई.