रायपुर- छत्तीसगढ़ में सत्ता की बागडोर 15 सालों तक संभालने वाले रमन राज्य के नए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे. दरअसल रमन को समारोह में शामिल होने का न्यौता खुद नव निर्वाचित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिया है. भूपेश ने उन्हें फोन कर समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है.
कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करने के दौरान भूपेश बघेल ने रमन सरकार के खिलाफ आक्रामक लड़ाई लड़ी है. कांग्रेस पार्टी में भूपेश बघेल ऐसे इकलौते चेहरे रहे हैं, जिन्होंने तत्कालीन रमन सरकार के साथ किसी भी मसलों पर कोई समझौता नहीं किया. चाहे सड़क की लड़ाई हो या फिर सदन की, रमन सरकार के खिलाफ भूपेश न सिर्फ दहाड़ते नजर आए, बल्कि विपक्ष के नेता की हैसियत से खुलकर हर मंच पर खिलाफत भी की. नान घोटाला का मुद्दा हो या फिर पनामा पेपर लीक का मामला, ऐसा कोई भी मुद्दा भूपेश ने नहीं छोड़ा, जिससे तत्कालीन रमन सरकार की किरकिरी न हुई हो. बघेल ने ऐलान किया था कि रमन सिंह के किसी भी कार्यक्रम में मंच साझा नहीं करेंगे. बतौर पीसीसी चीफ ऐसा उन्होंने किया भी. कई ऐसे मौके आए, जहां भूपेश-रमन कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे, लेकिन बघेल ने कभी रमन के साथ मंच साझा नहीं किया.
रमन सरकार के खिलाफ मुखर रहे भूपेश सिर्फ एक बार ही सीएम हाउस की दहलीज पर उस वक्त पहुंचे थे, जब उनकी बेटी की शादी हुई थी. बेटी की शादी के निमंत्रण के लिए भूपेश डाॅ.रमन सिंह को न्यौता देने सीएम हाउस गए थे. बताते हैं उस वक्त भी भूपेश बघेल ने कई बार सोचा कि जिस रमन से वह सीधी लड़ाई लड़ रहे हैं, उन्हें न्यौता देने खुद जाए या नहीं, लेकिन उनके करीबियों ने इसे सामान्य शिष्टाचार का हवाला देते हुए खुद जाकर आमंत्रण देने की सलाह दी, जिसके बाद भूपेश ने सीएम हाउस जाकर रमन सिंह को वैवाहिक आमंत्रण दिया था. रमन सिंह भूपेश बघेल की बेटी की शादी में शामिल होने भिलाई भी पहुंचे थे. मुख्यमंत्री बनने के बाद भूपेश बघेल ने एक इंटरव्यू में यह कहा है कि मेरी जो भी लड़ाई है, वह राजनीतिक रूप से है, व्यक्तिगत लड़ाई किसी से भी नहीं है.