शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में लंबे इंतजार के बाद मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंप दिया गया है। इसी के साथ मोहन सरकार की नई तबादला नीति तैयार हो गई है जिसमें मंत्रियों को ट्रांसफर का दायित्व सौंप दिया गया है। अब प्रदेश में तबादला के लिए प्रभारी मंत्री की अनुशंसा की जरूरत होगी।बिना सिफारिश के प्रदेश में किसी भी विभाग के ट्रांसफर नहीं होंगे।  

दरअसल मध्य प्रदेश में अब तबादलों से डेढ़ साल बाद रोक हटेगी। एक जिले से दूसरे जिले के लिए स्वैच्छिक और प्रशासनिक आधार पर तबादले किए जाएंगे। ट्रांसफर भी किसी भी संवर्ग में 20 फीसदी से अधिक नहीं होंगे। 

बता दें कि बीते विधानसभा चुनाव के दौरान तबादले पर लगी रोक नहीं हटाई गई थी। अब तक केवल मुख्यमंत्री समन्वय से ही तबादले हो रहे थे। लेकिन अब मंत्रियों को यह जिम्मेदारी मिल गई है कि वे अपने जिले में ट्रांसफर कर सकेंगे। एक निश्चित अवधि में प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर तबादले होंगे।

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