आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार-हत्या की शिकार लड़की के पिता ने अपनी बेटी के नाम और तस्वीरों के इस्तेमाल पर ऐतराज जताया है. उन्होंने मीडिया से कहा कि मैंने अपनी बेटी को खो दिया, लेकिन लाखों बेटी कमाए हैं. वे दुनिया भर में चल रहे ‘रिक्लेम द नाइट’ विरोध प्रदर्शन से बहुत प्रभावित हैं. उन्होंने सभी से बेटी का नाम न लेने, बेटी के शव की तस्वीरें साझा न करने और गलत जानकारी न फैलाने का आग्रह किया है.

मां ने कहा, “उस दिन सुबह 10:53 बजे हमें अस्पताल के सहायक अधीक्षक का फोन आया. उन्होंने कहा कि यह आत्महत्या है. अस्पताल पहुंचने के बाद हम तुरंत उसका शव नहीं देख पाए. दोपहर 3 बजे हमने उसे देखा. हम बहुत दबाव में थे. कुछ लोगों ने उसकी कार को नुकसान पहुंचाने की भी कोशिश की. जब मुख्यमंत्री हमारे घर आईं तो हमने उनसे कहा कि हमें संदेह है कि संजय रॉय इसमें शामिल नहीं हो सकता है.”

पिता ने कहा, “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद कहा था कि वह CBI जांच चाहती हैं. हमने इसे तेज करने के लिए अदालत का रुख किया.” आंदोलन और विरोध प्रदर्शन वाली रैलियों के बारे में पूछे जाने पर मां ने कहा, “हम आंदोलन और देश-विदेश में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का 100% समर्थन करते हैं. हम सभी प्रदर्शनकारियों को अपना प्यार भेजते हैं. हम सभी को अपना बेटा-बेटी मानते हैं.”

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एक दिन पहले संयुक्त निदेशक वी चंद्रशेखर के नेतृत्व में CBI की एक टीम ने सोदेपुर में पीड़िता के घर का दौरा किया. गुरुवार को शाम करीब 4.30 बजे CBI की 4 सदस्यीय टीम घर पहुंची और परिवार से बात करते हुए एक घंटे से अधिक समय बिताया. उनसे मिलने के बाद चंद्रशेखर ने कहा था, “जांच चल रही है. हमने माता-पिता के बयान लिए हैं.”

शाम को पीड़िता के पिता ने कहा कि उन्होंने अपने पास मौजूद दस्तावेज CBI अधिकारी को सौंप दिए हैं. उन्होंने कहा, “CBI अधिकारियों ने हमसे मुलाकात की और हमसे बात की. उन्होंने हमारे पास मौजूद सभी सबूत और दस्तावेज ले लिए.”