इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में जन्माष्टमी के मौके पर बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ प्रबंधन और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को सौंपी है. कोर्ट ने सरकार की भीड़ नियंत्रण योजना के तहत लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था मंदिर के भीतर तक ही सीमित रखने की अनुमति दी है. सरकार की शेष योजना यथावत रहेगी.

कोर्ट ने रिसीवर के माध्यम से साल 1939 से चल रही मंदिर व्यवस्था के तहत सिविल जज जूनियर डिवीजन मथुरा के परामर्श से सीसीटीवी कैमरे लगाने की छूट दी है. साथ ही डीएम को सिविल जज के आदेश का अनुपालन कराने का निर्देश दिया है. 1939 के मुंसिफ के आदेश भीड़ प्रबंधन का दायित्व मंदिर प्रबंधन संभाल रहा है, जो रिसीवर की ओर से किया जा रहा है. इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

कोर्ट ने कहा अभी सरकारी योजनाओं सहित मंदिर प्रबंधन की देखरेख में जन्माष्टमी की व्यवस्था की जाएगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की खंडपीठ ने अनंत शर्मा व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है.

28 अगस्त को अगली सुनवाई

कोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तारीख लगाई है. इससे पहले कोर्ट ने 8 नवंबर 2023 को भीड़ प्रबंधन को लेकर राज्य सरकार को निर्देश दिए थे. उनका पालन नहीं किया जा सका है.

600 लोगों का प्रवेश, बनाए गए 3 जोन व 10 सेक्टर

ठाकुर बांके बिहारी विराजमान मंदिर में मंगला आरती के समय 2023 में बनी कमेटी ने 600 लोगों के प्रवेश की अनुमति दी है. पूरे क्षेत्र को 3 जोन व 10 सेक्टर में बांटा गया है. मेले के दौरान एडीएम व एसपी जोन में व एसडीएम व डीएसपी सेक्टर में तैनात रहेंगे. दर्शन के समय मंदिर में भीड़ रुकने नहीं पायेगी. अधिवक्ता संकल्प गोस्वामी ने मंदिर के बाहर लाइव स्ट्रीमिंग का विरोध किया. जिस पर कोर्ट ने केवल मंदिर के भीतर ही लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति दी है.

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