वाराणसी. उत्तर प्रदेश के बनारस में एक छोटा-सा ब्राजील बसा है. इस गांव का नाम पहाड़ी है और यहां रहने वाले 1500 परिवारों के 300 बच्चे फुटबाल खेलते हैं. खूबसूरत बात यह है कि इनमें लड़कों से ज्यादा लड़कियां हैं. इसके बावजूद भी यहां मैदान नहीं है. यहां के बच्चों को खेलने के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता है.

बताया जा रहा है कि इस गांव के बच्चे 12 वर्ष पहले तक जुआ खेलते थे. इधर-उधर भटकते थे. तभी पास की कॉलोनी में रहने वाले फुटबाल खिलाड़ी भैरव दत्त इन बच्चों के लिए 3-4 फुटबाल ले आए. मैदान के झाड़-झंखाड़ और गड्ढे ठीक करवाकर फुटबाल खेलने लायक बना लिया. फिर गोल पोस्ट के नाम पर एक तरफ बांस के पोल लगाए और दूसरी तरफ कुर्सी रख दी.

इसे भी पढ़ें – UP के नाम नया रिकॉर्ड: देश में दूसरे नंबर पर स्टार्टअप शुरु करने में महिलाएं, जानें पहले स्थान पर कौन?

शुरुआत में सिर्फ सात-आठ बच्चे आते थे. उनके लिए कोच भैरव ने किस्तों में किट मंगवाई. यहां-वहां से जूतों के पैसे जुटाए. फुटबाल की इस पीढ़ी को तैयार करते हुए कोच भैरव को 40 साल हो चुके हैं. इस मैदान पर पांच साल की, जो बच्ची खेलने आती थी, अब वह 17 साल की है. 75 लड़कियां नेशनल खेल चुकी हैं.

छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक