हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में राज्य के सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में बी. एससी (कृषि) पाठ्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया को लेकर याचिका दायर की गई है। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रवेश प्रक्रिया भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से मान्यता प्राप्त नहीं है और इसमें प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट (पीएटी) को शामिल नहीं किया गया है।

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याचिकाकर्ता इंदौर कृषि महाविद्यालय के पूर्व छात्र ने 20 जून 2024 को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें स्वायत्त सरकारी कॉलेजों में बी.एससी (कृषि) पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्देश दिया गया था। उनका कहना है कि इस फैसले से कृषि अनुसंधान और शिक्षा को नुकसान होगा। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार, उच्च शिक्षा विभाग और कृषि मंत्रालय समेत संबंधित पक्षों से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि कृषि शिक्षा के लिए शोध और जमीन की जरूरत होती है, जो कि बिना इन दोनों के संभव नहीं है। उनका मानना है कि इस तरह के पाठ्यक्रम से सिर्फ औपचारिक डिग्री मिलेगी, लेकिन असली ज्ञान नहीं।

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