भुवनेश्वर : कोलकाता के आर.जी. कर अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या के बाद देशभर के डॉक्टर अब विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि सभी अस्पतालों में आपातकालीन देखभाल और गंभीर उपचार जैसी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध रहेंगी, लेकिन सप्ताहांत पर नियमित बाह्य रोगी सेवाएं (ओपीडी) और वैकल्पिक सर्जरी निलंबित रहेंगी।

भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) द्वारा घोषित 24 घंटे के लिए गैर-आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को राष्ट्रव्यापी बंद करने के अनुसार ओडिशा सहित पूरे देश में डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं।

एससीबी में मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। सबसे ज्यादा प्रभावित रेडियोलॉजी विभाग है, जहां अल्ट्रासाउंड की संख्या 100 से घटकर 40 रह गई है। नतीजतन, मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें वापस लौटने पर मजबूर होना पड़ रहा है। संतोष साहू नामक एक अटेंडेंट ने कहा, “हर दिन ओडिशा और बाहर से हजारों मरीज एससीबी पर निर्भर रहते हैं। डॉक्टरों को यह समझना चाहिए कि वे लोगों की सेवा करने के लिए यहां हैं। आंदोलन करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन यह कहां तक उचित है कि सभी हड़ताल पर रहें?” अनुगुल के एक अन्य मरीज ने कहा, “मुझे पेट की समस्या के इलाज के लिए एससीबी आए हुए लगभग चार दिन हो गए हैं। डॉक्टरों ने मुझे अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी थी, लेकिन अभी तक अल्ट्रासाउंड नहीं हो है। डॉक्टर हड़ताल पर हैं, इसलिए देख नहीं पा रहे हैं। बहुत से मरीज परेशान हैं। हमारे पास निजी अस्पताल में इलाज कराने के लिए पैसे नहीं हैं।”

ओडिशा विधानसभा में विधायकों के ओरिएंटेशन कार्यक्रम में भाग लेने ओडिशा पहुंचे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “कोलकाता की घटना और सुरक्षा को लेकर चिंता है। यह मेडिकल स्टाफ का मामला नहीं है, बल्कि यह सुरक्षा और समाज का मुद्दा है। पश्चिम बंगाल की घटना को लेकर हर कोई चिंतित है। स्वास्थ्य विभाग ने जो भी कदम उठाने की जरूरत थी, उठाए हैं।”