रामेश्वर मरकाम, धमतरी। वैसे तो जेल को सुधारगृह कहा जाता है लेकिन आम धारणा है कि मामूली जुर्म में अंदर गया शख्स भी सुधरने के बजाय और बिगड़ कर बाहर निकलता है और इसी अवधारणा को बदलने के लिए धमतरी जिला जेल में जिला प्रशासन की मदद से कैदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।
उम्मीद की जा रही कि यह प्रशिक्षण सफल रहा तो जेल से बाहर आने वाले कैदी कुशल कारीगर बनकर निकलेंगे और रिहाई के बाद उनके पास न केवल नए सिरे से ज़िन्दगी शुरू करने के लिए पूंजी होगी बल्कि हाथ में हुनर भी होगा और उनके पास नौकरी की संभावनाएं मौजूद होंगी ।
दरअसल मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के मंशा के अनुरूप घर-परिवार से दूर जेल में सजा काट रहे कैदियों को हुनरमंद बनाने के लिए धमतरी में वीटीपी के ज़रिए कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण शुरू किया गया है जहां तकरीबन 26 कैदियों को टेलर का बेसिक कोर्स सिखाया जा रहा है।
कैदियों की माने तो उनके लिए यह अवसर बेहद महत्वपूर्ण है और आने वाले समय मे समाज के मुख्यधारा से जुड़कर वे बेहत्तर काम कर सकते है । बहरहाल जिला प्रशासन ने कैदियों के लिए और भी अन्य कोर्स शुरू करने की बात कह रहे है ।