वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दिवंगत महंत डॉ. कुलपति तिवारी की पत्नी मोहिनी देवी अनशन पर बैठ गईं। दृष्टिबाधित मोहिनी देवी ने जिला प्रशासन और काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन के महंत परिवार की परंपरा से छेड़छाड़ किए जाने से आहत होकर यह कदम उठाया। मोहिनी देवी ने कहा कि महंत परिवार की महिलाएं कभी पर्दे के बाहर नहीं आई, लेकिन पूर्वजों की व्यवस्था और पति के जीवन काल के संघर्षों, जिससे काशी की पहचान है, इसका खड़ित होना काशी के परंपरा का अपमान है।

एक ओर पूरे दिन टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास के बाहर पुलिस का पहरा रहा तो वहीं दूसरी तरफ आवास के अंदर मोहिनी देवी का अनशन जारी रहा। परिवार के सदस्य उन्हें पूरे दिन समझाते रहे, लेकिन उन्होंने अन्न-जल ग्रहण नहीं किया। इस बात की जानकारी एसीपी दशाश्वमेध प्रज्ञा पाठक को हुई तो वह करीब साढ़े पांच बजे टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पहुंची। उन्होंने भी मोहिनी देवी को समझाने की कोशिश की।

ये भी पढ़ें: 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान: BSP ने किया समर्थन, कार्यकर्ताओं से की ये अपील

इस पर मोहिनी देवी ने डॉ. कुलपति तिवारी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भेजा गया शोक संवेदना वाला पत्र दिखाते हुए एसीपी से कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री जी मेरे पति को विश्वनाथ मंदिर की परंपराओं का संवाहक बताते हैं और दूसरी तरफ वाराणसी के जिला प्रशासन ने हमारे परिवार की परंपरा पर कब्जा कर लिया। यह दोहरी नीति दिखा का आखिर वर्तमान सरकार क्या साबित करना चाहती है।

ये भी पढ़ें: स्कूटी सवार युवती को देख युवकों की बिगड़ी नीयत, सरेराह कई KM तक किया पीछा, पैर से धक्का मारकर गिराया, फिर… VIDEO वायरल

एसीपी प्रज्ञा पाठक ने मोहिनी देवी को समझाते हुए कहा कि आप की बात शासन तक पहुंचाई जाएगी, लेकिन आप अनशन समाप्त कर दें। यह आप की सेहत के लिए ठीक नहीं है। परिवार के सदस्यों ने भी उनसे बार-बार अनशन समाप्त करने का अनुरोध किया। सभी के बार-बार अनुरोध पर मोहिनी देवी ने फल का रस ग्रहण किया। साथ ही उन्होंने शर्त रख दी की एक सप्ताह के अंदर महंत परिवार की परंपरा की बहाली का पत्र शासन की ओर से उन्हें नहीं मिला तो वह अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ जाएंगी।