महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के आरोपों का खंडन किया और कहा कि अगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यह दावा करते हैं कि ‘मैं मराठा समुदाय को आरक्षण देने की प्रक्रिया में बाधा डाल रहा हूं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा.’ शिंदे ने सरकार के निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाने का जिक्र करते हुए फडणवीस का बचाव किया और उनके खिलाफ जरांगे के आरोपों को निराधार बताया.

जरांगे वरिष्ठ BJP नेता के कटु आलोचक हैं और उन पर मराठा समुदाय के आरक्षण की मांग में मुख्य बाधा बनने का आरोप लगाते रहे हैं. फडणवीस ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि उन्हें पता है कि जरांगे का उनसे ‘विशेष स्नेह’ है. ‘यदि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यह दावा करते हैं कि मेरी उपस्थिति मराठा आरक्षण के संबंध में निर्णय लेने में बाधा उत्पन्न करती है, तो मैं अपना इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति छोड़ दूंगा.’

उन्होंने कहा, ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि मुख्यमंत्री राज्य का मुखिया होता है और सभी निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होता है. मराठा समुदाय को लाभ पहुंचाने वाले निर्णय या तो मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान लिए गए या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यकाल में हुए हैं.’

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जरांगे ने पिछले वर्ष अगस्त में जालना के अंतरवाली सरती गांव में मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं पर पुलिस लाठीचार्ज के लिए राज्य के गृह मंत्री फडणवीस को जिम्मेदार ठहराया है. बाद में, शिंदे ने पत्रकारों के साथ बातचीत में उपमुख्यमंत्री फडणवीस का बचाव किया और उनके खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया. शिंदे ने कहा, ‘जब फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने मराठा समुदाय को आरक्षण दिया था. फडणवीस के खिलाफ जरांगे के आरोप निराधार हैं और ऐसे दावों में कोई सच्चाई नहीं है. हम जो भी फैसला लेते हैं, उसे सामूहिक प्रयास के तौर पर लेते हैं.’

जरांगे ने फडणवीस के खिलाफ अपना हमला जारी रखा. शिंदे द्वारा उपमुख्यमंत्री का बचाव किए जाने के बारे में पूछे जाने पर जरांगे ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद और आज भी फडणवीस ने कहा कि वह राजनीति छोड़ देंगे. उन्हें ऐसे अतिवादी शब्द क्यों बोलने पड़ रहे हैं?’ जरांगे ने दावा किया कि प्रशासनिक स्तर पर कुनबी प्रमाणपत्रों का वितरण रोक दिया गया है.

उन्होंने कहा, ‘हमने कभी फडणवीस को अपना प्रतिद्वंद्वी नहीं माना, लेकिन वे इतने साल से सत्ता में हैं और (कोटा पर) निर्णय अमल में नहीं आ रहा है.’ जरांगे ने दावा किया कि इसका मतलब है कि फडणवीस मराठा समुदाय के लिए कोटा लाभ का विरोध कर रहे हैं.