मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने अमृतसर में बाबा बकाला में आयोजित जनसभा में अकाली दल पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि अकाली दल बादल धर्म के नाम पर वोट जुटाने वाली पार्टी है, लेकिन पंजाब के मुद्दों पर उसने कभी भी लोकसभा में आवाज नहीं उठाई. मान ने कहा कि अकाली नेताओं ने पंथ के नाम पर सत्ता का आनंद लिया, लेकिन लोकसभा में वे पंजाब के हितों के लिए खामोश रहे.


मान ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि 26 दिसंबर 2018 को उन्होंने लोकसभा में गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे बेटों की शहादत को सम्मान देने के लिए अपील की थी, जिसे तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने स्वीकार किया. इसके बावजूद, अकाली दल ने कभी भी संसद में साहिबजादों के सम्मान के लिए कोई कदम नहीं उठाया, जबकि वह खुद को पंजाब का समर्थक बताता है.

बाजवा, जाखड़ सियासी


भाजपा पर निशाना साधते हुए, मान ने कहा कि भाजपा को पंजाब में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने से पहले अपने शासित राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बढ़ते अपराधों पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि इन राज्यों में राम नवमी जैसे त्योहारों के दौरान कर्फ्यू लगाना पड़ता है, जो वहां की कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है. मान ने यह भी घोषणा की कि पंजाब सरकार जल्द ही देश में महिला फायर ब्रिगेड कर्मचारियों की भर्ती करेगी, जिससे महिलाओं को सशक्त बनाया जाएगा.