कुमार इंदर, जबलपुर। शहर में निजी स्कूलों की मनमानी और मोनोपोली के खिलाफ गिरफ्तार किए गए बिशप, स्कूलों के प्रिंसिपल और मैनेजमेंट के 12 लोगों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी भी की गिरफ्तार 12 लोगों के खिलाफ किसी भी तरह का कोई ऑफेंस नहीं बनता। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि स्कूल के मैनेजमेंट और प्रिंसिपल के खिलाफ कलेक्टर के कहने पर एफआईआर हुई थी जो कि कहीं से भी सही नहीं है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने निजी स्कूलों के मैनेजमेंट पर नकली आईएसबीएन की किताबें बेचने, मोनोपोली करने और मनमानी तरीके से फीस बढ़ाने के जो आरोप लगाए थे उसे भी साबित करने में प्रशासन नाकामयाब रहा लिहाजा सभी को जमानत दी जाती है।

बता दें कि पिछले दिनों जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने 12 निजी स्कूलों के 80 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था जिसमें से 20 लोगों की गिरफ्तारी की गई थी, जिसमें से 8 लोगों को पहले ही हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी बाकी बचे 12 लोगों ने जमानत याचिका खारिज होने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा वरुण तन्खा और हर्षित बारी ने सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की।

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